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04 September 2018

उच्चतम न्यायालय ने खारिज की कर्नल पुरोहित की याचिका, मालेगांव की एसआइटी से जांच कराने की थी मांग

उच्चतम न्यायालय ने मालेगांव ब्लास्ट के मामले में आरोपी कर्नल पुरोहित की आरोप तय करने पर रोक लगाने की संबंधी याचिका खारिज कर दी है। वरिष्ठ न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मालेगांव ब्लास्ट मामले की एसआईटी से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई से ही इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पुरोहित इस याचिका को ट्रायल कोर्ट में ही दायर करें।

बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा भी खारिज की जा चुकी है याचिका;
इससे पहले बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कर्नल पुरोहित एवं अन्य की याचिका को खारिज कर दिया था। पुरोहित ने निचली अदालत की ओर से आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। इतना ही नहीं, उच्च न्यायालय में कहा था कि ट्रायल कोर्ट की गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानि यूएपीए के तहत लगाए गए आरोपों पर फैसला लेगा। कर्नल पुरोहित ने याचिका में अपने ऊपर लगे यूएपीए को चुनौती दी थी।


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पुरोहित का कहना था कि उन्हें इस मामले में जानबूझ कर फंसाया गया है क्योंकि वो आईएसआईएस और सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के पीछे कौन है इसकी जांच कर रहे थे।

क्या है मालेगांव से जुड़ा मसला?
29 स‍ितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में ब्‍लास्‍ट हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्‍यादा लोग घायल होने की खबर आई थी। इसके बाद एटीएस ने इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। साल 2011 में इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी।

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TAGS: मालेगांव धमाका, मालेगांव, उच्चतम न्यायालय, malegaon Blast, कर्नल पुरोहित
OUTLOOK 04 September, 2018
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