जेल से रिहा हुए मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र, सरकार की आलोचना पर हुए थे गिरफ्तार
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत जेल जाने वाले मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को रिहा कर दिया गया है। उन्हें नवंबर 2018 में सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने पर गिरफ्तार किया गया था। मणिपुर हाई कोर्ट ने पत्रकार को शीघ्र रिहा करने का आदेश दिया था। सोमवार को न्यायमूर्ति एल जमीर और न्यायमूर्ति केएच नोबिन सिंह की पीठ ने पत्रकार को एनएसए के तहत हिरासत में लेने के आदेश को खारिज कर दिया। यह आदेश इम्फाल वेस्ट के जिला मजिस्ट्रेट ने दिया था।
सोशल मीडिया पर की थी पीएम और सीएम की आलोचना
वांगखेम के वकील सोराइसाम चितरंजन ने बताया कि हाई कोर्ट ने कहा कि टेलिविजन पत्रकार अगर किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं तो उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। इम्फाल वेस्ट के जिला मजिस्ट्रेट ने बीजेपी, आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मणिपुर के मुख्यमंत्री एल बीरेन सिंह की कथित रूप से आलोचना करने के लिए वांगखेम (39) को हिरासत में लेने के आदेश दिए थे।
12 महीने के लिए भेजा गया था जेल
इसके बाद पिछले साल 21 नवंबर को वांगखेम राजद्रोह के आरोप के गिरफ्तार करके 12 महीने के लिए जेल भेज दिया गया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अदालत में 20 दिसंबर को चुनौती दी थी। उनके घरवालों ने हाई कोर्ट में एक शिकायत दर्ज कर बताया था कि जेल में वांगखेम की तबीयत बिगड़ गई थी।