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03 February 2019

नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में इस फिल्मकार ने पद्मश्री लौटाने का किया ऐलान

File Photo

नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में मणिपुरी फिल्मकार अरिबाम श्याम शर्मा ने रविवार को अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस लौटाने का ऐलान किया है। अरिबाम को वर्ष 2006 में यह पुरस्कार मिला था। 83 वर्षीय फिल्मकार और म्यूजिक कंपोजर अरिबाम की फिल्मों ने कई नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं।

ये फिल्में बनाईं

अरिबाम श्याम शर्मा ने इशानौ, संगाई- द डांसर डियर, इमगी निंग्थम जैसी कई फिल्में बनाईं। उनके द्वारा पुरस्कार वापसी के ऐलान के बाद पुरस्कार वापसी का यह दौर पहली बार नहीं शुरू हुआ है। 30 अगस्त 2015 को कर्नाटक में कन्नड़ लेखक एम. एम. कलबुर्गी की हत्या के मामले के बाद दादरी समेत कुछ और हिंसा की खबरें सामने आई थीं। इन घटनाओं और असहिष्णुता के विरोध में तकरीबन 40 कलाकारों और लेखकों ने अपने पुरस्कार वापस कर दिए थे। हालांकि, इस बार मामला नागरिकता संशोधन विधेयक से जुड़ा है।

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क्या है नागरिकता संशोधन बिल

पूर्वोत्तर राज्यों में कई सामाजिक संगठन नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नागरिकता विधेयक में किए गए संशोधनों का लगातार विरोध कर रहे हैं। यह बिल नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए लाया गया है। इस बिल के कानून बनने के बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के मानने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को 12 साल के बजाय 6 साल भारत में गुजारने पर भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों में इस बिल के खिलाफ लोगों का बड़ा तबका प्रदर्शन कर रहा है। कांग्रेस, टीएमसी, सीपीएम सहित कुछ अन्य पार्टियां लगातार इस बिल का विरोध कर रही हैं। हालांकि, सरकार की ओर से कहा गया है कि यह बिल केवल असम तक सीमित नहीं है। इस बिल के जरिए पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में आए प्रवासियों को भी राहत मिलेगी।

बिल के विरोध में असम की अस्मिता का हवाला

असम में नागरिकता बिल के विरोध के पीछे असमियों का तर्क है कि अगर यह बिल पास हो जाता है तो इससे असमी भाषा और संस्कृति को लेकर खतरा उठ खड़ा होगा। असमी लोगों की दलील है कि इससे असम में बंगाली हिंदुओं की तादाद बढ़ने लगेगी, जो असम की आबादी में ऐसा असंतुलन पैदा करेगी कि वहां असमिया लोगों के अल्पसंख्यक होने का खतरा बढ़ जाएगा। भले ही इस बिल के जरिए सबसे बड़ा फायदा बंगाली हिंदुओं को मिलना माना जा रहा है, मगर बीजेपी को भी कम राजनीतिक फायदा नहीं हो रहा। बंगाली हिंदुओं का मुद्दा उसे असम, नॉर्थ-ईस्ट के त्रिपुरा सहित कई राज्यों और पश्चिम बंगाल में अच्छा-खासा माइलेज दिला सकता है।

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TAGS: Manipuri filmmaker, Padma Shri, Citizenship Bill, aribam syam sharma
OUTLOOK 03 February, 2019
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