मेरी के छात्रों ने सीखी अभिनेत्ता पीयूष रैणा से अभिनय की बारिकियाँ
‘घूमर’, ‘डंकी’ जैसी फ़िल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके फ़िल्म अभिनेता पीयूष रैणा आज एक डॉक्युमेंटरी फ़िल्म की शूटिंग के सिलसिले में मेरी में आए थे। उस डॉक्युमेंटरी के कुछ सीन की शूटिंग भी मेरी में की गई। इस शूटिंग में इस संस्थान के छात्रों एवं संकाय सदस्यों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
कार्यशाला में छात्रों को अभिनय,फ़िल्म, विज्ञापन, डॉक्युमेंटरी निर्माण,इत्यादि के बारे में विस्तार से बताया गया। पीयूष रैणा ने इस अवसर पर बताया कि जर्नलिज़म एवं मास कम्यूनिकेशन के छेत्र में बेशुमार अवसर हैं। एक उदाहरण देकर उन्होंने समझाया कि किसी बड़े बजट की फ़िल्म निर्माण यूनिट में एक हज़ार लोग होते हैं।सबका अलग-अलग काम निर्धारित है। इसका आशय यह हुआ कि एक बड़े प्रोजेक्ट में एक हज़ार से ज़्यादा तरह के काम हैं।
उन्होंने कहा कि उन अवसरों को पाने के लिए हमें सेट पर्सेप्शन के दायरे से बाहर निकलना पड़ेगा। हमें यह समझना होगा कि फ़िल्म का मतलब सिर्फ़ अभिनय करना नहीं है। मेरी के वाइस प्रेसिडेंट प्रो. ललित अग्रवाल ने इस अवसर पर पीयूष रैणा को आईपी यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र होने के लिए सम्मानित भी किया और वर्तमान छात्रों का मर्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर प्रो. अग्रवाल ने कहा कि वे छात्रों को किताबों से परे अपने सपने के किरदारों से रूबरू कराना चाहते हैं। तभी वे अपने पसंदीदा करियर के व्यावहारिक पहलू से परिचित हो पाएँगे।यह कार्यक्रम उसी पहल की दिशा में उठाया गया एक कदम है।