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19 December 2019

नागरिकता कानून के विरोध में लखनऊ में भारी प्रदर्शन, पुलिस की गोली से घायल एक की मौत

ANI

यूपी की राजधानी लखनऊ में गुरूवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विरोध-प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। विरोध में लोग सड़कों पर उतरे और कई इलाकों में हिंसा फैल गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव  किया और कई पुलिस चौकियों में आग लगा दी। कई वाहनों को फूंक दिया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। आरोप है कि इस दौरान पुलिस की गोली से घायल हुए एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। वहीं, प्रदर्शनकारी के मरने की खबर पर डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि हमारी तरफ से फायरिंग नहीं की गई। मुझे नहीं पता कि यह मौत कैसे हुई, मुझे नहीं लगता कि इसका इस आंदोलन और पुलिस कार्रवाई से कोई लेना-देना है।

गोली लगने से तीन प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। हुसैनाबाद में बवाल के दौरान चली गोली में मोहम्मद वकील नामक युवक की ट्रामा में इलाज के दौरान देर रात मौत हो गई। गोली पेट में लगी थी। मृतक सज्जाद बाग निवासी था। मृतक के भाई का आरोप है कि पुलिस की गोली घायल हुए भाई की मौत हुई है। बवाल के दौरान एडीजी सावत, आईजी लखनऊ और सीओ हजरतगंज को भी चोटें लगीं।

पुलिस चौकी फूंकी, वाहनों को आग के हवाले किया

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सीएए और एनआरसी के विरोध में पुराने लखनऊ के खदरा, ठाकुरगंज, चौक, शहीद स्मारक, परिवर्तन चौक, कैसरबाग, हसनगंज, डालीगंज में विरोध प्रदर्शन दोपहर करीब एक बजे शुरू हुआ। सबसे पहले हिंसा की खबर पुराने लखनऊ के खदरा क्षेत्र से आई। इसके बाद ठाकुरगंज, घंटाघर, शहीद स्मारक, कैसरबाग, परिवर्तन चौक तक लोग विरोध मार्च करते हुए पहुंच गए। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। फिर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ाया। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने मदेयगंज पुलिस चौकी को आग को हवाले कर दिया, जिससे हालात बेकाबू हो गए। इसी बीच कुछ लोगों ने शिया पीजी कालेज की ओर से पुलिस टीम पर पीछे से पथराव किया। बेकाबू भीड़ डीएम आवास तक पहुंच गई और पेट्रोल पंप में भी आग लगाने की कोशिश की।

‘पुलिस ने पार कर दी अत्याचार की हदें’

बांदा निवासी यूसरा मोहसिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की छात्रा ने ‘आउटलुक’ को बताया कि एएमयू में पुलिस ने अत्याचार की सभी हदें पार कर दीं। जबकि हम प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे। एएमयू में 15 दिसंबर को बाब ए सैय्यद का गेट तोड़ दिया गया। मोरसिन हॉस्टल के रूम नंबर 46 को जला दिया गया। कई स्टूडेंट गायब हैं। हाथ कटा हुआ मिला। ऐसे हमारे साथ होगा। बात-बात पर ट्विट पर करने वाले लोग और हमारी सरकार इसके खिलाफ क्यों नहीं बोली? 2014 में जब पेशावर में अटैक होने पर बोला था, तो अब क्यों नहीं? हम क्यों सबूत दें? क्या हम इस देश के नागरिक नहीं हैं। हमसे इतनी नफरत क्यों?

‘गलत रूप में लाया गया सीएए’

लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीएससी की छात्रा खुर्रमनगर निवासी उमरा किदवई ने बताया कि सीएए में जब अन्य समुदायों के लोगों को शामिल किया गया है तो मुसलिम समुदाय को क्यों नहीं? हमसे इतनी नफरत क्यों की जा रही है? दो तो सबको दो। उन्होंने कहा कि हम ट्रिपल तलाक पर नहीं बोले। हम बाबरी मस्जिद पर नहीं बोले, हम तब तो रोड पर नहीं आए थे, लेकिन कब तक चुप रहें। आज हमारे साथ जो हो रहा है, वह गलत हो रहा है। सीएए और एनआरसी में विरोध के बारे में उन्होंने कहा कि सीएए जिस रूप में लाया गया है, वह हमें स्वीकार नहीं है। एनआरसी में भी हमें टार्गेट करनी की तैयारी है।

लॉ स्टूडेंट हजरतगंज निवासी जूही ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून में निचले तबके के लोग नहीं आ पाएंगे। इतने पुराने डाक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं, लोग कहां से लाएंगे। सीएए और एनआरसी बहुत गलत है। ऐसा एक ही समुदाय को टारगेट करने के लिए किया जा रहा है। एनआरसी हम किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे।

आगजनी में डेढ़ दर्जन से ज्यादा गाड़ियां फूंकीं

नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ के कई क्षेत्रों में जमकर हिंसा हुई। विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मदेयगंज पुलिस चौकी, ठाकुरगंज की सतखंडा पुलिस चौकी और घंटाघर पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा तीन निजी राष्ट्रीय चैनलों की ओवी वैन, एक बस, 17 बाइक और पुलिस की कई गाड़ियां फूंक दी गईं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पुलिस पर भी पथराव किया, जिसमें एएसपी, सीओ सहित कई जवान घायल हुए।

दोषियों की संपत्ति जब्त कर वसूलेंगे हर्जानाः योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर की गई हिंसा को सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी, जो भी लोग दोषी पाए जाएंगे, उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान का हर्जाना वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि मैंने एक बैठक बुलाई है और मैं खुद इसकी समीक्षा कर रहा हूं, जो भी इस हिंसा का जिम्मेदार होगा उसकी जवाबदेही भी तय करेंगे। उपद्रवियों के चेहरे वीडियोग्राफी और सीसीटीवी में कैद हो चुके हैं। प्रदेश में 8 नंवबर से निरंतर धारा 144 लागू है। बिना परमिशन के कोई भी प्रदर्शन नहीं कर सकता है। प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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OUTLOOK 19 December, 2019
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