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02 April 2020

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ सर्च ऑपरेशन, अब तक 9000 लोग क्वॉरेंटाइन

FILE PHOTO

तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद खांडलवी का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। देश के कई हिस्सों में पुलिस टीम तलाशी में जुटी हुई है। इस बीच मौलाना साद खांडलवी की तलाश में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बुधवार को राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना ने खुद को किसी अज्ञात जगह पर आइसोलेट कर लिया है। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, क्राइम ब्रांच की टीमों ने स्थानीय पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में छापेमारी की। साथ ही दिल्ली के जाकिर नगर और निजामुद्दीन में उनके तीन आवासों पर भी छापेमारी की गई है। स्वास्थ्यय मंत्रालय के अनुसार जमात के 9000 लोगों का रनटाइम किया गया है।

200 देशों में अनुयायी

कोविड-19 के लिए किए गए लॉकडाउन के दौरान दिल्ली की एक मस्जिद में धार्मिक कार्य के लिए दो हजार से अधिक लोगों को इकट्ठा करने के बाद तबलीगी जमात के मौलाना विवादित रूप से खबरों में आए। ऐसा पहली बार नहीं है कि मौलाना साद किसी विवाद के कारण खबरों में आए हों पिछले कई वर्षों से वह एक विवादित मुस्लिम धर्मगुरु रहे हैं। मौलाना साद जो लगभग 200 देशों में अपने 100 करोड़ से भी अधिक अनुयायियों के होने का दावा करते हैं, निजामुद्दीन दरगाह  में कार्य करते हैं जो तबलीगी जमात के वैश्विक मरकज के रूप में काम करता है।

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मरकज निजामुद्दीन की प्रतिष्ठित गद्दी पर नवंबर 2015 को जमाया कब्जा 

तबलीगी जमात के अनुष्ठान और नियमों और साथ ही जमात के शुरा यानी केंद्रीय परिषद के सभी आदेशों को दरकिनार व नजरअंदाज करते हुए उन्होंने खुद को आमिर घोषित करते हुए मरकज निजामुद्दीन की प्रतिष्ठित गद्दी पर नवंबर 2015 को कब्जा जमाया।

मौलाना साहब ने किया बुजुर्ग विद्वानों और शुरा के सदस्यों का अपमान

शामली के मौलाना इदरीश ने बताया कि मौलाना साहब ने बुजुर्ग विद्वानों और शुरा के सदस्यों का अपमान किया। आमिर को शुरा की सलाह पर चुना जाता है लेकिन उन्होंने सर्वोच्च परिषद के किसी भी आदेश का पालन नहीं किया और खुद ही जमात को संभालने का फैसला किया।

तबलीगी जमात को साद के दादा मोहम्मद इलियास खांडलवी ने किया था स्थापित

बता दें कि मौलाना साद का परिवार दिल्ली से लगभग 80 किलोमीटर दूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के पास कांधला से आया है। मुस्लिम समाज में सबसे प्रभावशाली आंदोलन में से एक के रूप में स्थापित तबलीगी जमात को मौलाना साद के दादा मौलाना मोहम्मद इलियास खांडलवी ने स्थापित किया था। तबलीगी जमात देवबंद आंदोलन का एक उद्घोष था और इसका उद्देश्य पैगंबर मोहम्मद के सच्चे इस्लाम को पुनर्जीवित करना था।

 

 

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TAGS: Maulana Saad, in quarantine, say sources, police raids, his hideouts
OUTLOOK 02 April, 2020
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