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12 July 2024

दिल्ली विश्वविद्यालय में मनुस्मृति पढ़ाने का प्रस्ताव खारिज होने पर गदगद मायावती, फैसले का किया स्वागत

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में एलएलबी के छात्रों को ‘मनुस्मृति’ पढ़ाने के प्रस्ताव को लेकर हो रहे विरोध को स्वाभाविक बताते हुए कहा कि यह प्रयास कतई उचित नहीं हैं ।

बसपा नेता ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा, ''भारतीय संविधान के मान-सम्मान व मर्यादा तथा इसके समतामूलक एवं कल्याणकारी उद्देश्यों के विरुद्ध जाकर दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि विभाग में मनुस्मृति पढ़ाए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसका तीव्र विरोध स्वाभाविक है तथा इस प्रस्ताव को रद्द किए जाने का फैसला स्वागत योग्य कदम है।''

 

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उन्होंने कहा, ”डॉ. बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर ने ख़ासकर उपेक्षितों व महिलाओं के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के साथ ही मानवतावाद एवं धर्मनिरपेक्षता को मूल में रखकर सर्व स्वीकार्य भारतीय संविधान की संरचना की, जो मनुस्मृति से कतई मेल नहीं खाता है। अतः एलएलबी के छात्रों को मनुस्मृति पढ़ाने संबंधी कोई भी प्रयास कतई उचित नहीं है।”

 

डीयू के विधि संकाय ने अपने प्रथम और तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को ‘मनुस्मृति’ पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम में संशोधन करने के वास्ते दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था से मंजूरी मांगी है। शिक्षकों के एक वर्ग ने इसकी आलोचना की है।

 

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TAGS: Mayawati, proposal, teach Manusmriti in DU, welcomed the decision
OUTLOOK 12 July, 2024
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