राज्यसभा से मंजूर हुआ मायावती का इस्तीफा
बता दें कि 18 जुलाई को इस्तीफा देने के बाद बसपा सुप्रीमो मायवाती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि सहारनपुर हिंसा में दलितों के उत्पीड़न पर मुझे बोलने का मौका सत्ता पक्ष ने नहीं दिया, इसलिए मैंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। मायावती ने कहा, 'मैं जिस समाज से आती हूं अगर उसकी बात ही सदन में ना रख सकूं तो ऐसे में मेरे यहां रहने का क्या लाभ'।
बुधवार को राज्यसभा के उपसभापति पीजे कुरियन ने मायावती से अपना इस्तीफा वापस लेने की अपील की। सभापति ने कहा कि सदन की इच्छा है कि मायावती अपना इस्तीफा वापस लें। इसके बाद मायावती गुरुवार को दोबारा इस सिलसिले में उपसभापति से मिली और उन्होंने एक लाइन में अपना हस्तलिखित इस्तीफा दिया, जिसके बाद उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया।
#FLASH BSP Chief Mayawati's resignation accepted by Rajya Sabha. pic.twitter.com/kVD8oh7GCr
— ANI (@ANI_news) July 20, 2017
गौरतलब है कि इससे पहले 18 जुलाई को राज्यसभा में बोलने का मौका नहीं दिए जाने से नाराज बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस्तीफा दे दिया था। तीन पेज का अपना इस्तीफा उन्होंने सभापति से मिलकर दिया। मायावती इस बात से नाराज थीं कि शून्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में दलितों पर हुए अत्याचारों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करने के बाद उन्हें बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट का समय दिया गया। इस मुद्दे पर सदन में काफी हंगामा भी हुआ था। हालांकि मायावती का उस वक्तद तकनीकी वजह से इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया।