महबूबा मुफ्ती ने घर में नजरबंद किए जाने का दावा किया, जानें कहां जाना चाहती थीं पीडीपी सुप्रीमो
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सोपोर जाने से रोकने के वास्ते उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है।
महबूबा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रोफेसर अब्दुल गनी भट के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए हमें सोपोर जाने से रोकने के वास्ते आज नेताओं को नजरबंद करने का फैसला जम्मू कश्मीर की कठोर और अलोकतांत्रिक वास्तविकता को उजागर करता है।’’
<blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="en" dir="ltr">The decision to place the political leadership under house arrest today, simply to stop us from visiting Sopore to offer condolences on the demise of Professor Abdul Gani Bhat, lays bare the harsh and undemocratic reality in Jammu and Kashmir.<br><br>What unfolded at Hazratbal Dargah… <a href="https://t.co/M0BmZ276oM">pic.twitter.com/M0BmZ276oM</a></p>— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) <a href="https://twitter.com/MehboobaMufti/status/1968517925318324458?ref_src=twsrc%5Etfw">September 18, 2025</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
महबूबा ने हाल ही में हजरतबल दरगाह में हुए विवाद का भी जिक्र किया। 5 सितंबर को दरगाह में अशोक चिन्ह वाली एक तख्ती को तोड़े जाने के बाद बड़ा बवाल हुआ था। कई राजनीतिक दलों ने वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन दरख्शां अंद्राबी पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया, क्योंकि मस्जिद में राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल किया गया था। महबूबा ने कहा, 'हजरतबल दरगाह में जो हुआ, वह लोगों के गुस्से का एक सहज और स्पष्ट संदेश था। यह सिर्फ एक घटना नहीं थी, बल्कि यह उन लोगों की आवाज थी जो सालों से दबाव और दुख में जी रहे हैं।' भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी कश्मीर में शांति और सुलह में कोई दिलचस्पी नहीं रखती।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मौजूदा चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक ने भी बुधवार देर रात से नजरबंद होने का दावा किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मुझे मेरे घर में बंद कर दिया गया है, जिसके कारण मैं प्रोफेसर भट की जनाजे में शामिल नहीं हो सका। यह मेरे लिए बहुत दुखद है कि मुझे उनके आखिरी सफर में साथ देने का मौका नहीं मिला।' मीरवाइज ने बताया कि उनकी प्रोफेसर भट के साथ 35 साल की दोस्ती थी।उन्होंने आगे कहा, 'प्रोफेसर साहब के परिवार को उनके जनाजे को जल्दबाजी में पूरा करने के लिए मजबूर किया गया। बहुत से लोग उन्हें आखिरी विदाई देना चाहते थे।'