Advertisement
14 October 2018

#MeToo: लेखिका इरा त्रिवेदी ने चेतन भगत और सुहेल सेठ पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप

चेतन भगत (बाएं), सुहेल सेठ (बीच में), इरा त्रिवेदी (दाएं)

लेखिका और योगा टीचर इरा त्रिवेदी ने भी #MeToo के तहत अपने अनुभवों को साझा किया है। 'आउटलुकके लिए लिखे एक लेख में इरा त्रिवेदी ने उपन्यासकार चेतन भगत और सोशलाइट सुहेल सेठ का नाम लिया है। उन्होंने लिखा है कि, “मैं तमाम मंचों और बहसों में महिलाओं के मुद्दे पर बात करती रही हूं, लेकिन अगर मैं इस मुद्दे पर चुप रही तो यह मुझे अंदर-अंदर कचोटता रहेगा।”

‘सुहेल सेठ ने मेरे वक्ष को लेकर की थी टिप्पणी’

इरा त्रिवेदी लिखती हैं कि करीब एक दशक पहले उनके पब्लिशर ने उनके पहले उपन्यास के लांच में सुहेल सेठ को वक्ता के तौर पर बुलाया था। इसके बाद के सालों में मैं उनसे कई मौकों पर मिलती रही हूं। कभी-कभी उन्होंने मुझे अपनी पार्टियों में भी बुलाया है। इरा ने आगे लिखा है कि जैसे-जैसे सुहेल सेठ प्रसिद्ध होते गए, उनका मेरे और दूसरी महिलाओं के प्रति रवैया बहुत खराब होने लगा। ऐसा लगने लगा कि वे सबकुछ पूरे अधिकार के साथ करने लगे हैं। भौंडे, भद्दे कमेंट पास करना उनकी आदत बन गई। एक बार तो उन्होनें मेरे वक्ष के आकार पर ही टिप्पणी कर दी और बोले, ‘तुम ब्रा मत पहना करो...’ एक बार उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैंने वैक्सिंग कराई है या नहीं।

Advertisement

 'शराब पीने के बाद कमर में हाथ डालते थे सुहेल सेठ'

इरा लिखती हैं कि एक और लिटरेचर फेस्टिवल में सुहेल सेठ ने उनकी योग मुद्राओं को लेकर भद्दी टिप्पणियां की थीं। इरा ने लिखा है कि, “कई बार मैं इन टिप्पणियों से सन्नाटे में रह जाती थी, और आमतौर पर इन्हें नजरंदाज कर देती थी या हंसकर टाल देती थी।” उन्होंने लिखा है कि शराब पीने के बाद तो पार्टियों में सुहेल सेठ मेरे और मेरे जैसी दूसरी महिलाओं की कमर में हाथ डाल देते थे और देर तक पकड़े रहते थे। कई बार तो वह अनायास ही वह हमारें गालों या अधरों पर किस भी कर लेते थे।” इरा ने लिखा है कि धीरे-धीरे उनकी ये हरकतें चुभने लगी थीं। सुहेल सेठ की मुस्कुराहट, उनके भद्दे मजाक और बेहूदा आत्मविश्वास से मुझे चिढ़ होने लगी थी।

इरा त्रिवेदी ने लिखा है कि ये दोनों पुरुष शायद मेरे साथ ज्यादा हदें पार नहीं कर पाए, क्योंकि मैं एक महत्वपूर्ण अधिकारी की बेटी थी और ये दोनों मेरे माता-पिता से मिल चुके थे। उन्होंने लिखा है कि “मेरे आसपास मेरे पिता के रुतबे का सुरक्षा कवच था। लेकिन आज मैं सोचती हूं कि अगर ऐसा नहीं होता तो ये दोनों मेरे साथ क्या-क्या नहीं कर सकते थे।” इरा ने लिखा है कि, “बीते कुछ दिनों से मैं लगातार सोच रही थी कि आखिर ये दोनों ऐसे क्यों है। क्या उन्हें इससे प्रामाणिकता मिलती है? क्या उनका बचपन ऐसा ही गुजरा है, क्या उनके वैवाहिक जीवन में दिक्कतें हैं, क्या इन दोनों के मन में महिलाओं को लेकर घृणा और अविश्वास है? क्या ये दोनों भावनात्मक तौर पर गहरे टूटे हुए हैं, या फिर ये दोनों मानते हैं कि वे कुछ भी कर लें उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता?”

'चेतन भगत ने मुझे किस करने की कोशिश की'

इरा त्रिवेदी ने उपन्यासकार चेतन भगत के साथ हुए अनुभव को साझा करते हुए लिखा है कि, “चेतन भगत से मेरी मुलाकात कोई एक दशक पहले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान हुई थी। वह उस पैनल का संचालन कर रहे थे जिसका शीर्षक तीन देवियां था। मैं भी इस पैनल में थी। उस समय चेतन एक स्टार थे, मैं थोड़ा नर्वस सा महसूस कर रही थी। पैनल के दौरान उन्होंने मुझसे पूछा कि जब पुरुष आपकी किताब लांच में आते हैं तो आप क्या करती हैं? मैंने कुछ ऐसा जवाब दिया कि, ‘'मैं पुरुष को बोलती हूं कि अगर वह मेरी 100 किताबें खरीदेगा तो मैं उसे किस करूंगी, और अगर सारी किताबें खरीद लेगा तो उससे शादी कर लूंगी।'’ उन्होंने लिखा है कि वे उस समय सिर्फ 22 साल की थीं और उनको जो भी समझ में आया उन्होंने जवाब दे दिया। इरा त्रिवेदी आगे लिखती हैं कि इस वाक्ये के कुछ दिनों बाद चेतन भगत ने उन्हें दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में बुलाया। वे लिखती हैं, “जब मैं वहां गई तो चेतन भगत मुझे अपने कमरे में ले जाना चाहते थे, लेकिन मैंने इनकार कर दिया। लेकिन चाय के बाद वह यह कहकर मुझे कमरे में ले गए वे उन्हें अपनी साइन की हुई किताब देना चाहते है।”

इरा ने लिखा है कि जब वह कमरे में दाखिल हो रही थीं, तो अचानक चेतन भगत ने उन्हें किस करने की कोशिश की। जब उन्होंने इस पर ताज्जुब जताया तो उन्होंने कहा कि मैंने तुम्हारी 100 किताबें खरीदी हैं और पुणे में एक लाइब्रेरी को दान की हैं, अब तो किस करना मेरा अधिकार है। उन्होंने लिखा, ''चेतन भगत की आवाज में न कोई संकोच था और न कोई अन्य भाव, बल्कि वह तो जैसे इसे अपना अधिकार मान रहे थे। मैं इस घटना से अंदर तक हिल गई थी।'' उन्होंने लिखा है कि वे समझ नहीं पा रही थी कि एक शादीशुदा और पिता बन चुका शख्स ऐसा कैसे कर सकता है। मैं उनके पत्नी- बच्चों से मिल चुकी थी, तब भी उसने ऐसा किया।इरा त्रिवेदी ने लिखा है कि कुछ साल बाद जब चेतन भगत की किताब ‘हाफ गर्लफ्रेंड’ आई तो उसमें उन्होंने अपने मुख्य किरदार के साथ इसी घटना को दोहराया है। वे लिखती हैं कि, “मैं अंदाजा लगा सकती हूं कि अपनी किताब के इस अंश के लिए चेतन ने न जाने कितनी लड़कियों के साथ ये सब किया होगा।”

'हमारे आसप-पास तमाम सुहेल सेठ और चेतन भगत'

इरा ने लिखा है कि, “आज मैं परिपक्व हूं, समझदार हूं, तमाम महिलाओं की हिम्मत ने मुझे भी बहादुर बना दिया है। मुझे समझ है कि क्या गलत है क्या सही। आज मैं बोल सकती हूं। लेकिन हकीकत यही है कि हमारे आस-पास तमाम सुहेल सेठ और चेतन भगत घूम रहे हैं। हम सबकी अपनी #MeToo कहानियां हैं, लेकिन पीढ़ियों से हमें सिखाया गया है कि इस बारे में बात न करें। हमे यकीन दिलाया गया कि हमारी कहानियों का अस्तित्व ही नहीं है। और अगर हम बोलेंगे तो यही कहा जाएगा कि हमने अपनी ध्यान खींचने के लिए ऐसा किया है।”

उन्होंने आगे लिखा है कि, “अगर कोई पुरुष हमारे साथ ऐसा करता है तो हमें ही दोषी ठहराया जाएगा, हमें गुस्सा जब्त करना सिखाया गया है. हमें अपनी इज्जत पर आंच का घूंट पीकर रहना सिखाया गया है। जबकि सुहेल सेठ और चेतन भगत जैसों को यह सब कुछ खुलेआम करने का लाइसेंस दे दिया गया है।”

इरा ने लिखा है कि, “मुझे पता है कि आने वाले वर्षों में मुझे इन जैसे तमाम पुरुषों का सामना करना है। मैं कैसे करूंगी यह सब, नहीं पता, लेकिन इस क्षण जो मेरे मन में है वह यह है कि मैं ताकत के इस दुरुपयोग के खिलाफ हूं। यह मेरा तरीका है उन महिलाओं को इस सबसे बचाने और उन्हें चेताने का, जो इस सबका शिकार बन सकती हैं।”

उन्होंने लिखा, “ये सब लिखने के पीछे मेरा मकसद इन दोनों या उन जैसों को बदनाम करना नहीं है। ये सब लिखना मेरे लिए आसान नहीं था। मेरा मकसद दूसरी महिलाओं को चेताना है। मेरा उनसे कहना है कि वे वह सब न करें जो मैंने 20 साल की उम्र में किया, बल्कि इतना साहस दिखाएं कि किसी की हिम्मत न हो पास फटकने की।” हिंदू पुराणों में महिषासुर का जिक्र एक ऐसे दैत्य के रूप में आता है जिसे कोई पुरुष नहीं मार सकता। आखिरकार दुर्गा उसका वध करती हैं, इसीलिए उन्हें महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है। नवरात्र के नौ दिनों में मैं महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम् का पाठ करती हूं। और पाठ के दौरान मेरे सामने ऐसे ही पुरुषों के चेहरे घूमते हैं। समय है कि हम महिलाओं को अपने अंदर की देवी को सामने लाना होगा, क्योंकि वे हमारी कल्पना से कहीं ज्यादा शक्तिशाली हैं।''

अंग्रेजी में मूल लेख आप यहां पढ़ सकते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: #MeToo, Author Era trivedi, chetan bhagat, suhel seth, sexual harassment
OUTLOOK 14 October, 2018
Advertisement