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06 July 2018

गृह मंत्रालय ने कहा, एलजी को नहीं दी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के किसी हिस्से को नजरंदाज करने की सलाह

file photo

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल के बीच ताजा विवाद के बीच गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सेवा विभाग (सर्विसेज) से जुड़े मामले पर अंतिम विचार करना कानून के खिलाफ है क्योंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। गृह मंत्रालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के किसी भी हिस्से को नजरअंदाज करने के लिए दिल्ली के एलजी को सलाह नहीं दी गई है। उनसे कहा गया है कि वे कानून का पालन करें।

इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलने का समय मांगा जिससे कि वह दिल्ली में सत्ता टकराव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह कर सकें। उन्होंने कहा कि यह बहुत  खतरनाक है कि केंद्र सरकार उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच सत्ता टकराव पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने की सलाह दे रही है।

उन्होंने ट्वीट किया कि गृह मंत्रालय ने उपराज्यपाल को सलाह दी है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उस हिस्से को नजरअंदाज करें जो उपराज्यपाल की शक्तियों को केवल तीन विषयों तक सीमित करता है।
उपराज्यपाल की शक्तियों में कटौती करने वाले न्यायालय के आदेश के बाद भी उनके कार्यालय और दिल्ली सरकार के बीच सेवा विभाग के नियंत्रण को लेकर विवाद लगातार बना हुआ है। केजरीवाल पर जवाबी हमला करते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि गृह मंत्रालय की 2015 की यह अधिसूचना लगातार वैध बनी हुई है कि सेवाएं संबंधी विषय दिल्ली विधानसभा के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

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TAGS: Home ministry, arvind kejriwal, anil baijal, supreme court, ignore, order
OUTLOOK 06 July, 2018
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