NDTV को लेकर बैकफुट पर मोदी सरकार, कहा- चैनल के दफ्तर पर नहीं हुई कोई रेड
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वैंकेया नायडू ने कहा कि एनडीटीवी चैनल पर सीबीआई ने कोई रेड नहीं की है। चैनल के किसी दफ्तर में सीबीआई दाखिल नहीं हुई। उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज किया कि सीबीआई द्वारा तलाशी लिया जाना मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला है।
सीबीआई ने कथित बैंक जालसाजी को लेकर गत पांच जून को एडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय की संपत्तियों पर छापेमारी की थी। इसको लेकर काफी अलोचना हुई थी। कई राजनीतिक दलों, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, भारतीय प्रेस क्लब और ऑल इंडिया न्यूजपेपर्स एडिटर्स कान्फ्रेंस ने सीबीआई के इस कदम की आलोचना की थी।
नायडू ने यहां एक कार्यक्रम से इतर कहा, ‘‘एनडीटीवी पर कोई छापा नहीं पड़ा। सीबीआई न्यूजरूम परिसर या टीवी स्टूडियो अथवा चैनल से संबंधित किसी कार्यालय में दाखिल नहीं हुई। प्रबंधन और प्रवर्तकों को जांच का सामना करना होगा और जांच रोकने और आरोप लगाने की बजाय उनको लोगों को जवाब देना होगा।’’ चैनल के खिलाफ बदले की कार्रवाई के दावों को खारिज करते हुए नायडू ने कहा कि एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय और राधिका रॉय को कानून के समक्ष अपनी बात रखनी चाहिए, क्योंकि उनके कदमों पर सवाल खड़े हुए हैं, जिनका खुलासा होना जरूरी है।
मंत्री ने चैनल के लिए परेशानी जल्द खत्म नहीं होने की संभावना का संकेत देते हुए कहा, ‘‘उन खुलासों की जांच की जाएगी।’’ नायडू ने कहा कि मीडिया समूह अपने को कानून से उपर नहीं मान सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘ यह विशेषकर सच है कि अधिकतर मीडिया के स्वामित्व में ऐसे कॉरपोरेट और कंपनियां जुड़ी होती हैं, जिनके लिए मीडिया प्राथमिक कारोबार नहीं है।’’ सीबीआई ने एक बयान में उच्चतम न्यायालय के 2016 के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा था कि एजेंसी को निजी बैंकों से संबंधित भ्रष्टाचार की जांच करने का भी अधिकार है।
सीबीआई के दुरूपयोग के आरोप को लेकर नायडू ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि कांग्रेस सीबीआई के दुरूपयोग की बात कर रही है। नायडू ने कहा कि संप्रग सरकार के समय गुजरात का सीएम रहते नरेंद्र मोदी से आठ घंटे पूछताछ की गई थी। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को फर्जी मामले में फंसाया गया और वह जेल में रहे हैं। अब ये लोग सीबीआई के दुरूपयोग की बात कर रहे हैं।’’
माना जा रहा है कि एनडीटीवी पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद चौतरफा आलोचना के मद्देनजर केंद्र सरकार इस मामले में बैकफुट पर है और एक-एक कदम फूंक-फूंक कर रख रही है।