विजय माल्या देश का पहला भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित, अब सरकार जब्त कर सकेगी संपत्ति
कई बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लेकर भारत से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को स्पेशल प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिग ऐक्ट कोर्ट ने आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। विजय माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद अब सरकार को उसकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल सकेगा। विजय माल्या की प्रॉपर्टी जब्त करने को लेकर पीएमएलए कोर्ट में 5 फरवरी को सुनवाई होगी।
भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत विजय माल्या का नाम देश के पहले भगोड़े आर्थिक अपराधी के रूप में दर्ज हो गया। अब कर्नाटक, इंग्लैंड और अन्य जगहों की विजय माल्या से जुड़ी संपत्तियां ईडी कुर्क कर सकता है।
इससे पहले ईडी के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता हितेन वेनगांवकर ने बताया कि एफईओए नया कानून है और काफी सख्त भी। इस कानून के दायरे में जांच एजेंसियां विजय माल्या की सभी प्रॉपर्टी जब्त कर सकती हैं। ये प्रॉपर्टी चाहे अपराध क्षेत्र के अंदर हों या बाहर, उससे फर्क नहीं पड़ता। आर्थिक भगोड़ा घोषित होने पर माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने में भी मदद मिलेगी। स्पेशल कोर्ट माल्या की सभी अर्जियां पहले ही खारिज कर चुका है।
यही नहीं पीएमएलए कोर्ट ने विजय माल्या की अपील करने के लिए कुछ समय दिए जाने की मांग को भी खारिज कर दिया। बता दें कि विजय माल्या को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने ब्रिटेन सरकार को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।
धारा 2एफ के तहत सुनाया फैसला
पीएमएलए कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) की धारा 2एफ के तहत माल्या के खिलाफ अपना फैसला सुनाया। इस कानून के मुताबिक जो व्यक्ति अपराध करने के बाद देश छोड़ गया हो और जांच के लिए कोर्ट में हाजिर न हो रहा हो, जिसके खिलाफ गैर-जमानती वॉरंट जारी हो चुका हो लेकिन विदेश भागने के कारण वह हाजिर न हो रहा हो, उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी ठहराया जा सकता है।
आर्थिक भगोड़ा कौन होता है?
नए अधिनियम के तहत जिसे आर्थिक भगोड़ा घोषित किया जाता है, उसकी सम्पत्ति तुरंत प्रभाव से जब्त कर ली जाती है। आर्थिक भगोड़ा वह होता है जिसके विरुद्ध सूचीबद्द अपराधों के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया होता है। साथ ही ऐसा व्यक्ति भारत को छोड़ चुका है, ताकि यहां हो रही आपराधिक कार्रवाई से बच सके या वह विदेश में हो और इस कार्रवाई से बचने के लिए भारत आने से मना कर रहा है। इस अध्यादेश के तहत 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के धोखाधड़ी, चेक अनादर और लोन डिफॉल्ट के मामले आते हैं।
विजय माल्या पर 9 हजार करोड़ रुपए गबन करने का आरोप
मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए विजय माल्या पर कई बैंकों के नौ हजार करोड़ रुपए गबन करने का आरोप है। बैंकों का कर्ज न चुकाने के मामले में वे भारत में वांछित हैं। माल्या ने बंबई हाई कोर्ट के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने हाल ही में मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की विशेष अदालत में माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के ईडी की अर्जी पर रोक लगाने के लिए दायर उनकी याचिका खारिज कर दी थी। इससे पहले, विशेष अदालत ने 30 अक्टूबर को माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी।