शेल्टर होम: सुप्रीम कोर्ट की बिहार सरकार को फटकार, कहा- 24 घंटे में ठीक से दर्ज करें FIR
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि पूरे मामले में राज्य सरकार का रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, अमानवीय और लापरवाह है। कोर्ट ने कहा है कि बिहार पुलिस ठीक से एफआईआर भी दर्ज़ नहीं करा पाई है। अगले 24 घंटे में आईपीसी की धारा 377 और पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने पाया कि धारा 377 और पॉक्सो एक्ट के तहत भी मामला बनता है लेकिन राज्य सरकार ने एफआईआर ही दर्ज नहीं की है तो क्यों न सरकार के खिलाफ आदेश पारित कर दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार क्या कर रही है, यह शर्मनाक है। अगर बच्चे के साथ कुकर्म हो रहा है और आप कहते है कि यह कुछ भी नहीं है। भला आप यह कैसे कर सकते हैं? यह अमानवीय है।
कोर्ट ने कहा कि हमें बताया गया कि मामला बड़ी गंभीरता से देखा जाएगा, यह गंभीरता है? हर बार जब मैं इस फाइल को पढ़ता हूं तो दुख होता है। सीबीआई की तरफ से पेश वकील को कोर्ट ने निर्देश दिया कि वह 17 में से नौ शेल्टर होम में यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहा है, उनके नाम टीआईएसएस रिपोर्ट में दे।
टीआईएसएस रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
2018 के शुरुआत में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर के साहु रोड स्थित शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया था। मेडिकल जांच में शेल्टर होम की कम से कम 34 बच्चियों के साथ रेप की पुष्टि हुई थी। पीड़ित कुछ बच्चियों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीला पदार्थ दिया जाता था फिर उनके साथ रेप किया जाता था। इस दौरान उनके साथ मारपीट भी होती थी। जब उनकी बेहोशी छंटती थी और वो होश में आती थीं तो खुद को निर्वस्र पाती थीं।
तूल पकड़ा तो सीबीआई को दे दी गई जांच
मामले के तूल पकड़ने पर बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी। जिसके बाद 28 जुलाई को सीबीआई की टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर समेत कई आरोपी जेल में हैं।
यह घटना सामने आने पर नीतीश सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और उनकी सरकार पर खूब निशाना साधा था।