नरेश अग्रवाल के चार बड़े विवाद, जो भाजपा भुला देेना चाहेगी
'सपा वाले' नरेश अग्रवाल का नया पता 'भाजपा' है। एक समय अखिलेश यादव के करीबी रहे नरेश अग्रवाल ने सोमवार को पीयूष गोयल की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया। विवादित बयानों के अपने रिकॉर्ड को कायम रखते हुए उन्होंने आते ही पार्टी को असहज कर दिया। सपा की ओर से राज्यसभा का टिकट नहीं दिए जाने के पीछे उन्होंने जो कारण बताए और अभिनेत्री जया बच्चन पर जिस तरह की टिप्पणी की वह उनके गले की फांस सी बन गई।
भाजपा नेता और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तत्काल इस पर प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने नरेश अग्रवाल की टिप्पणी को खारिज कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा- नरेश अग्रवाल भाजपा में आए हैं। उनका स्वागत है। लेकिन जया बच्चनजी को लेकर उनकी टिप्पणी अनुचित और अस्वीकार्य है।
इस पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी तुरंत पार्टी को अग्रवाल के इस बयान से अलग कर लिया।
'पार्टी विद डिफरेंस' का दावा करने वाली भाजपा में नरेश अग्रवाल को शामिल करने के बाद पार्टी के लिए आगे भी ऐसी परिस्थितियां पैदा नहीं होंगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि ट्रेलर नरेश अग्रवाल ने अभी दिखा दिया है।
भाजपा चाहेगी कि नरेश अग्रवाल के पुराने विवादित बयानों को भुला दिया जाए। आइए देखते हैं, नरेश अग्रवाल ने इससे पहले क्या विवाद पैदा किए हैं-
हिंदू देवी-देवताओं को शराब से जोड़ा
जुलाई, 2017 में अग्रवाल ने एक विवादित बात कही। उन्होंने हिंदू-देवताओं को शराब से जोड़ दिया। ये बात उन्होंने राज्य सभा में कही थी, जिसे सदन की कार्यवाही से हटाना पड़ा था। अग्रवाल ने तुकबंदी करते हुए कहा था- व्हिस्की में विष्णु बसे, रम में बसे हैं राम, जिन में माता जानकी, ठर्रे में हनुमान, बोलो सियाराम चन्द्र की जय। अरुण जेटली ने तब उनसे पूछा था कि क्या आप यह बात किसी और धर्म के बारे में कह सकते हैं।
कुलभूषण जाधव और आतंकवादी संबंधी बयान
दिसंबर, 2017 में अग्रवाल ने तब हलचल मचाई, जब उन्होंने पाकिस्तानी जेल में कैद भारतीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान का आतंकवादी कह दिया था। एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान ने जाधव को आतंकवादी घोषित कर रखा है तो वो उसके साथ आतंकवादी जैसा ही व्यवहार करेगा। हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए। आतंकवादियों के साथ सख्ती के साथ पेश आना चाहिए।
गाय और बैल वाली टिप्पणी
नरेश अग्रवाल ने देश में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर बोलते हुए कहा था कि गाय अगर हमारी मां है तो बैल हमारा क्या हुआ? बछड़ा और सांड़ हमारे क्या हुए? उनके इस बयान पर तब भाजपा ने आपत्ति जतायी थी और इसे हिंदुओं की भावनाओं का अपमान बताया था।
पीएम मोदी पर जातिसूचक बात
लखनऊ में वैश्य अधिवेशन के मंच से बोलते हुए एक दफे नरेश अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति पर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी तेली जाति से आते हैं। इस बात का वहां मौजूद साहू समाज के लोगों ने विरोध भी किया था।
एक समय नरेश अग्रवाल के इन बयानों का विरोध करने वाली भाजपा आज उन्हें गले लगा रही है। शायद राजनीति इसी को कहते हैं।