दंतेवाड़ा में नक्सली हमला, भाजपा विधायक समेत पांच की मौत
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने एक भाजपा विधायक भीमा मंडावी के काफिले पर हमला किया गया, जिसमें उनकी मौत हो गई। वहीं, आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से विधायक के साथ काफिले में मौजूद तीन सुरक्षाकर्मी और एक वाहन चालक की भी मौत हुई है। दंतेवाड़ा छत्तीसगढ़ की बस्तर लोकसभा क्षेत्र का इलाका है और यहां पर आगामी 11 अप्रैल को वोटिंग कराई जानी है।
डीआईजी ऐंटी नक्सल ऑपरेशंस पी. सुंदर राज के अनुसार, हमला दंतेवाड़ा जिले के कुआंकोंडा इलाके में उस वक्त हुआ जब विधायक का काफिला यहां से गुजर रहा था। आईईडी ब्लास्ट करके नक्सलियों ने विधायक के काफिले में शामिल सुरक्षाबलों के एक वाहन को निशाना बनाया। वहीं, हमले में शामिल एस्कॉर्ट वाहन के ब्लास्ट की चपेट में आने से एक ड्राइवर और सुरक्षा ड्यूटी में तैनात 3 जवान शहीद हो गए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की हमले की निंदा
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमारे विधायक साथी भीमा मंडावी और चार जवान नक्सली हमले का शिकार हुए हैं। झीरम हमले के बाद संसदीय लोकतंत्र पर यह एक और बड़ा और अत्यंत निंदनीय हमला है। मैं बेहद विचलित हूं, स्तब्ध हूं। दुःख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि।
उन्होंने कहा कि इस पीड़ा को हमसे ज्यादा कौन समझेगा जिन्होंने अपने नेताओं की एक पूरी पीढ़ी एक बड़े नक्सल हमले में खो दी थी। हमारी सरकार बस्तर सहित पूरे छग में आदिवासी जनता का विश्वास जीतने के लिए सतत काम कर रही है। इस बात से नक्सली बौखला रहे हैं। यह जघन्य वारदात उनकी इसी बौखलाहट का नतीजा है। हम एक बार फिर दृढ़ता के साथ संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने की अपनी लड़ाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं। मैं शीर्ष अधिकारियों के साथ घटना की समीक्षा कर रहा हूं। मैंने अधिकारियों के लिए निर्देश दोहराया है कि नक्सली गोलियों का जवाब उनकी भाषा में ही दिया जाए।
कांग्रेस की बोली और गोली का असर दिखने लगा है: रमन सिंह
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि मैं केंद्रीय मंत्रियों के संपर्क में हूं। मैं प्रधानमंत्री से एक घंटे पहले बात की है। मैं दंतेवाड़ा जाऊंगा और पीड़ितों के परिवार वालों से मिलूंगा। कांग्रेस की बोली और गोली का असर दिखने लगा है।
'यह राजनीतिक साजिश'
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने दंतेवाड़ा के नक्सल हमले में भीमा मंडावी एवं जवानों की मौत पर संवेदना व्यक्त की है। डॉ. जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 100 दिन पुरानी नक्सल संरक्षक कांग्रेस सरकार के कारण नक्सलियों ने इस कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया है। यह राजनीतिक साजिश है और कांग्रेस इससे अपना दामन नहीं बचा सकती। इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने विधायक मंडावी पर हुए नक्सली हमले को लोकतंत्र पर हमला बताते हुए कहा है कि नक्सलियों ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए यह हमला किया है। नक्सली लोकतंत्र के घोर विरोधी हैं और वे नहीं चाहते कि जनता निर्भय होकर मतदान करें।
सर्च ऑपरेशन जारी
हमले के बाद अधिकारियों ने तत्काल इलाके में सीआरपीएफ और राज्य पुलिस की टीमों को बड़ी संख्या में यहां पर भेजा है, जिसके बाद घटनास्थल के आसपास के इलाके को सीज कर दिया गया है। इसके अलावा हमलावरों की तलाश में यहां पर सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया है। छत्तीसगढ़ में हुए हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने इस घटना की निंदा करते हुए शहीद जवानों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। अपने ट्वीट में पीएम ने लिखा,'छत्तीसगढ़ में हुए माओवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इस हमले में शहीद जवानों के परिवार के साथ मेरी पूरी संवेदना है और शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।'
लगातार निशाने पर सीआरपीएफ के जवान
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी कई बार नक्सली हमलावरों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को निशाना बनाया था। जुलाई 2018 में नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बीएसएफ के जवानों पर हमला किया था, इस हमले में बीएसएफ के 2 जवान शहीद हुए थे। इससे पहले 13 मार्च 2018 को राज्य के सुकमा जिले में सीआरपीएफ की 212वीं बटालियन के जवानों पर हमला हुआ था। IED लगाकर किए गए इस नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 9 जवान शहीद हुए थे।
देश में अब तक हुए बड़े नक्सली हमले
25 मई 2013: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया। इस हादसे में कांग्रेस नेता विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा और नंदकुमार पटेल समेत 25 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
6 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार जंगल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 75 जवानों सहित 76 लोगों की हत्या कर दी।
4 अप्रैल 2010: ओडिशा के कोरापुट जिले में पुलिस की एक बस पर हमला, विशेष कार्य दल के 10 जवान मरे, 16 घायल।
23 मार्च 2010: बिहार के गया जिले में रेलवे लाइन पर विस्फोट करके भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को पटरी से उतारा। इसी दिन ओडिशा की रेलवे पटरी पर हमला करके हावड़ा-मुंबई लाइन क्षतिग्रस्त की।
15 फरवरी 2010: पश्चिम बंगाल के सिल्दा में करीब 100 नक्सलियों ने पुलिस कैंप पर हमला करके 24 जवानों की हत्या की, हथियार लूटे।
8 अक्टूबर 2009: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में लाहिड़ी पुलिस थाने पर हमला करके 17 पुलिसवालों की हत्या की।