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01 October 2021

"आपने पूरे शहर का गला घोंट दिया, अब भीतर आना चाहते हैं", किसानों को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

कृषि कानून के विरोध में जंतर-मंतर पर धरने की इजाजत की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने किसानों के सड़कों पर आंदोलन को लेकर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि आपको विरोध करने का अधिकार है, लेकिन आप दूसरों की संपत्ति को नष्ट नहीं कर सकते। एक तरफ तो आपने पूरे शहर का गला घोंट दिया और अब अदालत से शहर में धरने की मांग कर रहे हैं। लोगों के भी अधिकार हैं, क्या आप न्यायिक व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं? आप हाइवे जाम करते हैं और फिर कहते हैं कि विरोध शांतिपूर्ण है।

सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन को लेकर बहुत ही तल्ख टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि आपने पूरे शहर का गला घोंट दिया है और अब आप शहर के भीतर आना चाहते हैं। दरअसल, किसानों के एक समूह 'किसान महापंचायत' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली के जंतर-मंतर पर 'सत्याग्रह' की इजाजत मांगी है। इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीखी टिप्पणियां की हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब किसान संगठन पहले ही विवादित कृषि कानूनों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है तब कानूनों के खिलाफ आंदोलन को जारी रखने का क्या तुक है। जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा, 'सत्याग्रह का क्या तुक है। आपने कोर्ट का रुख किया है। अदालत में भरोसा रखिए। एक बार जब आप अदालत पहुंच गए तब प्रोटेस्ट का क्या मतलब है? क्या आप ज्युडिशियल सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं? सिस्टम में भरोसा रखिए।'

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जंतर-मंतर पर धरने की इजाजत की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या शहर के लोग अपना बिजनेस बंद कर दें? कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को बिना किसी डर के स्वतंत्र रूप से घूमने का समान अधिकार है और विरोध में उनकी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अदालत ने कहा, "कुछ संतुलित दृष्टिकोण होना चाहिए।"

मामले में अगली सुनवाई 4 अक्टूबर को तय करने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने जंतर मंतर पर धरने की इजाजत मांगने वाले संगठन किसान महापंचायत से हलफनामा मांगा कि वो उस विरोध का हिस्सा नहीं हैं जिसमें हाइवे जाम किए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि कई किसान संगठन तीन कानूनों के पारित होने का विरोध कर रहे हैं, जिसमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 शामिल है।

बता दें कि शुरुआत में विरोध पिछले साल नवंबर में पंजाब से शुरू हुआ और बाद में मुख्य रूप से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैल गया।

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TAGS: Supreme Court, farmers, permission, stage protests, stage satyagrah, Jantar Mantar
OUTLOOK 01 October, 2021
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