भूख से तीन बच्चियों की मौत मामले में मानवाधिकार आयोग ने मांगा दिल्ली सरकार से जवाब
दिल्ली के मंडावली में तीन बच्चियों के भूख से मरने की घटना का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में इस मामले पर जवाब मांगा है। इस मामले पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने भी दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है। लोकसभा में भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया और दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।
पूर्वी दिल्ली के मंडावली में तीन मासूम बच्चियों की भूख की वजह से मौत ने सबको चौंका दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया है कि इन बच्चियों के पेट में एक दाना भी नहीं था और उन्हें काफी समय से पौष्टिक खाना नहीं मिला था, जिससे वे काफी कमजोर हो गई थीं।
भाजपा ने साधा केजरीवाल पर निशाना
भाजपा नेता उदित राज ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि भय-भूख और भ्रष्टाचार की राजधानी दिल्ली की जनता, आज उस क्रान्तिकारी को खोज रही है जिसने कहा था, 'हम तो राजनीति बदलने आए हैं जी।' साथ ही उन्होंने कहा कि भूख-प्यास से त्रस्त जनता, कर रही है हाहाकार, बंगला-गाड़ी-लग्जरी के भोग में मस्त है सरकार।
मनीष सिसोदिया ने किया घटनास्थल का दौरा
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने परिवार को 25,000 रुपए का फौरी मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बच्चियों की मां को अस्पताल भेजा जाएगा और उनका बेहतर इलाज किया जाएगा। बच्चियों के पिता के लौटने पर हम और मुआवजा देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी व्यवस्था नाकाम रही। मैंने ICDS से रिपोर्ट सौंपने को कहा है। यह देखा जाएगा कि क्या ये बच्चियां हमारे रिकॉर्ड में थे और अगर थे तो उनकी मदद क्यों नहीं की गई।
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने कहा था, 'मंडावली में तीन बच्चियों की मौत की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। यह परिवार दो दिन पहले ही मंडावली में एक मकान में रह रहे किराएदार के यहां मेहमान आया था। घटना के पहले से ही बच्चियों के मजदूर पिता काम पर गए थे जो लौटे नहीं हैं। मां भी पहले से मानसिक बीमार हैं।'
क्या है मामला?
मंगलवार की सुबह घर से ये तीनों बच्चियां बेसुध मिली थीं, पड़ोसी उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इनका पिता उस दिन से ही गायब है और मां मानसिक तौर पर कमजोर होने की वजह से कुछ साफ जानकारी नहीं दे पा रही है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि इन बच्चियों की मौत एक ही रात में हुई या अलग-अलग समय पर हुई है। इस बीच दिल्ली सरकार ने तीनों बच्चियों की मौत की जांच के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
इन बच्चियों मानसी (8 साल), शिखा (4 साल) और पारुल (2 साल) का बुधवार को डॉक्टरों के पैनल से दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया गया था। मंगलवार को हुए पहले पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि बच्चियों ने कई दिन से कुछ भी नहीं खाया था, ऐसे में डॉक्टरों ने उनकी मौत भूख से होने की आशंका जाहिर की है। मेडिकल बोर्ड ने जहर, चोट या हत्या जैसी आशंका को अभी खारिज किया है। पैनल के पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट दो-तीन दिन में आएगी। विसरा भी जांच के लिए लैब में भेजा जा रहा है। बुधवार की शाम तीनों बच्चों के शव मां के हवाले कर दिए गए। पड़ोसियों ने उनका अंतिम संस्कार कर दिया। डीसीपी (ईस्ट) पंकज कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों का पिता मंगल गायब है और उसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है।
उनके पड़ोसियों ने बताया कि वह सोमवार रात अपने घर पर था और काम की तलाश में अगले दिन सुबह कहीं चला गया था। सुबह 11:30 बजे जब मंगल का दोस्त जब उसके घर पहुंचा तो उसने देखा कि तीनों बच्चियां बेसुध पड़ी थीं और मां वीना घर पर ही थी। ये हालात देखकर दोस्त ने और पड़ोसियों को बुलाया और वे लोग बच्चियों को मयूर विहार फेज 2 स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
ये मौतें दिल्ली सरकार के दावों की भी पोल खोलती दिख रही हैं। खास बात यह है कि जिस इलाके में तीनों बच्चियों का परिवार रहता है, वह इलाका दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का विधानसभा क्षेत्र है।