टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक की हिरासत अवधि 23 अक्टूबर तक बढ़ी, 5 के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट
टेरर फंडिंग मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को यासीन मलिक की न्यायिक हिरासत 23 अक्टूबर तक बढ़ा दी। मामले में एनआइए ने मलिक समेत पांच के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्ज शीट भी दायर की है। जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में कोर्ट में पेश किया गया था। यासीन के अलावा मामले में आसिया अंदराबी, शब्बीर शाह, मसरत आलम और अन्य के खिलाफ भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की गई है।
आरोप पत्र में बताया गया है कि किस तरह से हाफिज सईद के जरिए इन लोगों को पैसे मिले। आरोप पत्र में इन पांचों की भूमिका को सिलसिलेवार तरीके से बताया गया है और यह भी बताया गया है कि किस तरह से इनके पास आतंक का फंड पाकिस्तान के जरिए आया। इन पांचों को फिलहाल एनआईए ने गिरफ्तार किया हुआ है।
हाफिज से संबंधों का हुआ खुलासा
एनआईए अधिकारियों ने जानकारी दी कि ताजा सामग्री सोशल मीडिया साक्ष्य, कॉल रिकॉर्ड, मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में सामने आई है। इसमें सीमा पार से आरोपी हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन के साथ इनके संबंधों का पता चलता है। मलिक पर 2017 में टेरर फंडिंग का आरोप लगा था। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में है। इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन ने यासीन को कोर्ट में पेश करने में असमर्थता जाहिर की थी।
ये है मामला
एनआईए पाकिस्तान से जुड़े आतंकी संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) से भारत में फंडिंग की जांच कर रही है। एफआईएफ का संबंध हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है। एनआईए के मुताबिक, विदेशों में एफआईएफ सदस्यों से दिल्ली में कई लोगों ने पैसे लिए और इन पैसों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया।