बोधगया ब्लास्ट मामले में सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा
बिहार के बोधगया में 7 जुलाई 2013 में हुए महाबोधी मंदिर सीरियल ब्लास्ट मामले में शुक्रवार को पटना की एनआईए की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने सभी पांचों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इससे पहले इस मामले 25 मई को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था।
सभी दोषी अपराधियों की सजा के सभी बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए एनआईए की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सजा सुनाई। सभी दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। गुरुवार को सजा के बिंदु पर बहस पूरी नहीं हो सकी थी। कोर्ट में एनआईए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी
25 मई को कोर्ट ने सभी पांचों आरोपियों दोषी ठहराया
इससे पहले 25 मई यानी शुक्रवार को अदालत ने सभी पांच आरोपियों को दोषी करार दिया था और कहा था अदालत सभी आरोपियों की सजा का ऐलान 31 मई को करेगी। बोधगया सीरियल ब्लास्ट में एनआईए कोर्ट के स्पेशल जज मनोज कुमार ने यह फैसला सुनाया है।
एनआईए ने पेश किए थे 90 गवाह
इस मामले में एनआईए ने करीब 90 गवाहों को पेश किए। 11 मई, 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद स्पेशल जज ने 25 मई तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर आज फैसला आया है।
जांच एजेंसी एनआईए ने इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजीबुल्लाह अंसारी को आरोपी बनाया था, जिसे शुक्रवार को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। हैदर, मुजीबुल्लाह और इम्तियाज रांची के रहने वाला है, जबकि उमर और अजहर छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला है। फिलहाल ये सभी बेउर जेल में बंद है।
7 जुलाई 2013 को हुआ था ब्लास्ट
गौरतलब है कि 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए सीरियल ब्लास्ट में दो लोग घायल हो गए थे। इस मामले में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया था।