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14 June 2024

कक्षा में हिजाब, नकाब और बुर्का पर कॉलेज के प्रतिबंध को लेकर नौ छात्राओं ने बॉम्बे हाईकोर्ट का किया रुख

file photo

नौ छात्राओं ने अपने कॉलेज द्वारा कक्षा में हिजाब, बुर्का और नकाब पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है। अपनी याचिका में छात्राओं ने कहा कि चेंबूर ट्रॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के एनजी आचार्य और डीके मराठे कॉलेज द्वारा लगाया गया प्रतिबंध "मनमाना, अनुचित, कानून के विरुद्ध और विकृत" है। न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर की अध्यक्षता वाली पीठ अगले सप्ताह याचिका पर सुनवाई करेगी।

याचिका के अनुसार, 1 मई को कॉलेज के व्हाट्सएप ग्रुप पर एक नोटिस के साथ एक संदेश प्रसारित किया गया था, जिसमें संकाय सदस्य और छात्राएं शामिल हैं, जिसमें बुर्का, नकाब, हिजाब, बैज, टोपी और स्टोल पर ड्रेस कोड प्रतिबंध लगाया गया है। याचिकाकर्ता, जो द्वितीय और तृतीय वर्ष की डिग्री छात्राएं हैं, ने कहा कि ऐसा निर्देश "शक्ति के रंग-रूपी प्रयोग के अलावा और कुछ नहीं है"।

याचिका में कहा गया है कि नकाब, बुर्का और हिजाब याचिकाकर्ताओं की धार्मिक आस्था का अभिन्न अंग हैं और इस पर प्रतिबंध लगाना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ताओं ने शुरू में कॉलेज प्रबंधन और प्रिंसिपल से नकाब, बुर्का और हिजाब पर प्रतिबंध हटाने और इसे "कक्षा में पसंद, सम्मान और गोपनीयता के अधिकार के रूप में" अनुमति देने का अनुरोध किया।

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उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और कुलपति के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से भी नोटिस के खिलाफ अपनी शिकायत उठाई और उनसे "बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को शिक्षा प्रदान करने की भावना को बनाए रखने" के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। हालांकि, जब उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, याचिका में कहा गया कि नोटिस बिना किसी कानूनी अधिकार के जारी किया गया था और इसलिए यह कानूनन गलत और अमान्य है। याचिका में हाईकोर्ट से नोटिस को रद्द करने की मांग की गई।

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OUTLOOK 14 June, 2024
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