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28 February 2020

निर्भया मामले में दोषी पवन ने दाखिल की क्यूरेटिव पिटीशन, फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग

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निर्भया मामले में दोषी पवन कुमार गुप्ता ने भी सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पिटीशन दायर कर दी है जिसमें उसने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की गुहार लगाई है। बाकी तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका राष्ट्रपति पहले ही खारिज कर चुके हैं। लेकिन चौथे दोषी पवन ने अभी तक न तो क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी और न ही राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि निर्भया मामले के चारों दोषियों को अलग-अलग नहीं बल्कि एक साथ ही फांसी देने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केन्द्र की अपील पर 5 मार्च को सुनवाई की जायेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 14 फरवरी को ही स्पष्ट कर दिया था कि केन्द्र की लंबित अपील निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के दोषियों की मौत की सजा पर अमल के लिये ट्रायल कोर्ट द्वारा नयी तारीख तय करने में बाधक नहीं होगी। इसके बाद ही ट्रायल कोर्ट ने चारों दोषियों को तीन मार्च को फांसी पर लटकाने के लिए डेथ वारंट जारी किये थे।

एक साथ फांसी की याचिका पर पांच मार्च को होगी सुनवाई

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जस्टिस आर भानुमति,जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नवीन सिन्हा की पीठ के समक्ष केन्द्र और दिल्ली सरकार की अपील सुनवाई के लिये आयी लेकिन पीठ ने इसे पांच मार्च के लिए स्थगित कर दिया। हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की मौत की सजा के अमल पर रोक लगाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ केन्द्र की याचिका पांच फरवरी को खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने चारों दोषियों की अपील सुप्रीम कोर्ट से 2017 में खारिज होने के बाद उन्हें फांसी पर लटकाने के लिये डेथ वारंट जारी करने के बारे में संबंधित प्राधिकारियों द्वारा जरूरी कदम नहीं उठाने पर भी आड़े हाथ लिया था।

तीन मार्च को फांसी पर लटकाने का है आदेश

ट्रायल कोर्ट ने 17 फरवरी को चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिये तीन मार्च की सुबह छह बजे का समय तय किया था और इसके लिए नये डेथ वारंट जारी किये थे। केन्द्र की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिये कहा था।

बता दें कि दक्षिण दिल्ली मे 16-17 दिसंबर, 2012 की रात में छह लोगों ने चलती बस में निर्भया से सामूहिक बलात्कार के बाद उसे बुरी तरह जख्मी हालत में सड़क पर फेंक दिया था। निर्भया की बाद में 29 दिसंबर, 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी। आरोपियों में से एक राम सिंह ने बाद में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी किशोर था और उसे तीन साल तक सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में छोड़ दिया गया था।

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TAGS: Nirbhaya, case, Convict, Pawan Gupta, files, curative, petition, SC
OUTLOOK 28 February, 2020
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