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12 February 2020

निर्भया मामले में कोर्ट ने कहा- दोषी कानूनी मदद पाने के हकदार, गुरुवार को होगी सुनवाई

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने बुधवार को निर्भया के माता-पिता और तिहाड़ जेल की नई डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई की। दोषी पवन गुप्ता ने कहा कि उसके पास कोई वकील नहीं है तो कोर्ट ने उसे कानूनी मदद देने की पेशकश की। इस पर निर्भया की मां ने कोर्ट से नया डेथ वांरट जारी करने की मांग करते हुए कहा कि इंसाफ के लिए सात साल सालों से इंतजार कर रही हूं। आज कुछ फैसला करें। इनको वकील देना अन्याय होगा। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि दोषी कानूनी मदद के हकदार हैं और मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी। वहीं, दोषियों को फांसी नहीं मिलने और बार-बार तारीख मिलने से नाराज निर्भया के माता-पिता और महिला कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के बाहर नारेबाजी भी की।

सुनवाई के बाद कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए निर्भया की मां रो पड़ी। उन्होंने कहा, “अब मेरा भरोसा और उम्मीद टूट रही है। कोर्ट को दोषियों की तरफ से देर करने की रणनीति समझनी चाहिए। अगर अब दोषी पवन को नया वकील दिया जाएगा, तो मामले की फाइलें देखने और समझने में उसे समय लगेगा।” उन्होंने कहा, “मैं अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए भटक रही हूं। दोषी सजा में देरी की तरकीबें अपना रहे हैं। मैं नहीं जानती कि कोर्ट यह बात क्यों नहीं समझ रही।”

वकीलों की सूची उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

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कोर्ट ने कहा कि कोई भी दोषी अपनी आखिरी सांस तक कानूनी मदद पाने का हकदार है। जज ने कहा कि कानून ने दोषियों को कुछ अधिकार दे रखे हैं। उन्हें वे अधिकार लेने न दिए जाएं, तो फिर अन्याय होगा। कोर्ट ने तिहाड़ जेल के अधीक्षक को वकीलों की सूची दोषी पवन को सौंपने के निर्देश दिए और पवन को अपनी पसंद का वकील चुनने के लिए कहा।

निर्भया के माता पिता ने दायर की  याचिका

दिल्ली सरकार और निर्भया के माता-पिता ने नया डेथ वॉरंट जारी करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी दी जानी थी, लेकिन 31 जनवरी को कोर्ट ने इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया था। वहीं,, दोषी विनय शर्मा ने दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और अपने को मानसिक रोगी बताते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने की मांग की।

तिहाड़ जेल प्रशासन ने सौंपी रिपोर्ट

तिहाड़ जेल प्रशासन ने मंगलवार को ट्रायल कोर्ट में स्टेट्स स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि किसी भी दोषी ने पिछले सात दिनों में कोई कानूनी विकल्प नहीं चुना है, जो समय सीमा दिल्ली हाई कोर्ट ने दी थी। इन चारों दोषियों में मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) शामिल हैं। कोर्ट ने हाई कोर्ट के पांच फरवरी के आदेश का संज्ञान लिया था, जिसमें दोषियों को एक हफ्ते के अंदर अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की इजाजत दी गई थी। कोर्ट ने कहा था, ‘दोषियों को ऐसे में फांसी देना पाप होगा, जब कानून उन्हें जीने का अधिकार देता है। बता दें कि ट्रायल कोर्ट ने 31 जनवरी को मामले में चारों दोषियों की फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।

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OUTLOOK 12 February, 2020
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