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18 March 2020

दिल्ली हाईकोर्ट ने की निर्भया के दोषी मुकेश की याचिका खारिज

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निर्भया मामले में दोषी मुकेश सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसकी मौत की सजा को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी गई थी। याचिका में दावा किया गया था कि घटना वाली रात वह दिल्ली में नहीं था। सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं, दोषियों ने विभिन्न कानूनी आवेदनों, अपीलों और दूसरी दया याचिका की पेंडेंसी के आधार पर फांसी की सजा पर रोक लगाने के लिए दिल्ली की निचली अदालत का फिर से दरवाजा खटखटाया है।

इससे पहले मंगलवार को मुकेश के वकील एमएल शर्मा ने ट्रायल कोर्ट में कहा था कि मेरे मुवक्किल मुकेश को 17 दिसंबर को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। गैंगरेप के समय वह घटनास्थल पर ही नहीं था। जेल में उसे टॉर्चर भी किया गया। अर्जी में फांसी की सजा रद्द करने की मांग की गई थी। जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने मामला बार काउंसिल ऑफ इंडिया को स्थानांतरित कर दिया था। 

अक्षय की पत्नी ने दी तलाक की अर्जी

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वहीं, फांसी से पहले दोषी अक्षय ठाकुर की पत्नी पुनीता देवी ने औरंगाबाद फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल की है। पत्नी ने अर्जी में कहा कि उसके पति रेप के केस में सजायाफ्ता हुए हैं और उन्हें फांसी दी जानी है। वह नहीं चाहती है कि वह उनकी विधवा कहलाए। मामले की सुनवाई के लिए 19 मार्च की तिथि तय की गई है।

20 मार्च के लिए जारी किया था डेथ वारंट

बता दें कि इससे पहले तीन दोषियों ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत आईसीजे में भी अर्जी लगाकर फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। मामले में चारों दोषियों की फांसी तीन बार टल चुकी है। पांच मार्च को निचली अदालत ने मामले के चार दोषियों - मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को 20 मार्च की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया था।

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OUTLOOK 18 March, 2020
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