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15 November 2019

ईडी मामले में चिदंबरम को नहीं मिला जमानत, कोर्ट ने कहा- गलत संदेश जाएगा

File Photo

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में उनपर लगे आरोप गंभीर हैं और इस अपराध में उनका प्रमुख रोल भी दिख रहा है। सुनवाई के दौरान जस्टिस सुरेश ने कहा कि अगर जमानत दी गई तो इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। बता दें कि जमानत की याचिका पर 8 नवंबर को सुनवाई हुई थी। ईडी ने चिदंबरम को 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

जमानत की मांग करते हुए चिदंबरम ने कही थी ये बात

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत की मांग करते हुए कहा गया कि आइएनएक्स मीडिया मामले के सभी दस्तावेज जांच एजेंसियों के पास हैं, इसलिए उनके साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। ईडी ने आठ नवंबर को चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया था और कोर्ट में दलील दी थी कि वह जमानत मिलने के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।

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ईडी की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि पूर्व वित्तमंत्री पर चल रहा मनी लॉन्ड्रिंग का मामला काफी गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह एक आर्थिक अपराध है जो काफी जघन्य श्रेणी में आता है।

क्या बोले थे सिब्बल

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने चिदंबरम की ओर से पेश होते हुए कहा था कि शुरूआत से ही जांच एजेंसी का मामला यह कहीं से नहीं रहा कि कांग्रेस नेता ने गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की, लेकिन अचानक से अक्टूबर में (जब से चिदंबरम हिरासत में हैं) यह आरोप लगाया गया कि वह अहम गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं और उन्हें प्रभावित कर सकते हैं। चिदंबरम ने ईडी के इस दावे से इनकार किया कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद का इस्तेमाल अपने फायदे के लिये किया। उन्होंने कहा कि अदालत के समक्ष अब तक पेश की गई कोई भी चीज उन्हें कथित अपराध से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं जोड़ती है। चिदंबरम ने उन्हें सीबीआई के मामले में जमानत देने के उच्चतम न्यायालय के 22 अक्टूबर के आदेश का जिक्र किया और इस बात उल्लेख किया कि यह कहा गया था कि भ्रष्टाचार के मामले में उनके खिलाफ साक्ष्य से छेड़छाड़ करने, विदेश भागने और गवाहों को प्रभावित करने का कोई सबूत नहीं है।

चिदंबरम पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

74 वर्षीय चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को आइएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। वो फिलहाल मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में ईडी की कस्टडी में हैं। सीबीआई ने उनके खिलाफ 15 मई, 2017 को एक एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन पर साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया ग्रुप के लिए आने वाले 305 करोड़ के विदेशी फंड के लिए फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से गलत तरीके से अनुमतियां लेने का आरोप लगाया गया था। इस दौरान पी चिदंबरम ही वित्तमंत्री थे। बाद में ईडी ने भी 2017 में उनके खिलाफ एक केस दर्ज कराया था, जिसके बाद उन्हें इस साल 16 अक्टूबर को ईडी ने भी हिरासत में लिया था।

सीबीआई मामले में मिल चुकी है चिदंबरम को जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की तरफ से दर्ज किए गए आइएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को पहले ही जमानत दे चुका है। जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर किसी अन्य मामले में पी.चिदंबरम की जरूरत नहीं है तो उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पी.चिदंबरम अदालत से इजाजत लिए बिना देश ने बाहर नहीं जा सकते। चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

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TAGS: No Bail, Chidambaram, INX Media Case, Court Says, 'Wrong Message Will Be Sent'
OUTLOOK 15 November, 2019
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