दिल्ली हिंसा पर कांग्रेस ने कहा, दंगों में हो रही है एकतरफा जांच- केंद्र और सीएम से नहीं उम्मीद
दिल्ली हिंसा को लेकर कांग्रेस ने कहा है कि हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं और लोगों में अब भी भय का माहौल है। हिंसा के चलते 42 लोगों की मौत हो गई। कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने दावा किया कि दंगों में "एकतरफा" जांच हो रही है। हमें केंद्र या दिल्ली के सीएम से कोई उम्मीद नहीं है लेकिन हमें अदालतों से उम्मीदें हैं।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि देश के अंदर और दिल्ली में हाल के घटनाक्रमों से कुछ बुनियादी सवाल उठते हैं। विरोध करना लोगों का अधिकार है। राजद्रोह के मामलों का दुरुपयोग किये जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जान-बूझकर कार्रवाई नहीं की गयी, जवाबदेही तय होनी चाहिए। अब जो कार्रवाई हो रही है, वह एकतरफा है, जो लोग धरने पर थे, उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं।
भाजपा नेताओं पर क्यों नहीं हुई एफआईआर
कांग्रेस ने सवाल किया कि कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर एवं प्रवेश वर्मा सरीखे भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गयी। आनंद शर्मा ने कहा कि अगर भाजपा नेताओं के भाषण नफरत वाले नहीं थे तो फिर किसके बयान नफरत भरे थे? कांग्रेस नेता ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करते हैं कि इन मामलों को देखे। वह न्यायमित्र नियुक्त करे। सभी मामलों को देखे और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे।
भाजपा के स्वभाव में नहीें पालन करना
इस बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के उस बयान पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने पलटवार किया है जिसमें प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी हमें राजधर्म न सिखाएं। उन्होंने कहा कि राजधर्म निभाने का काम सरकार का होता है, विपक्ष का नहीं। सिब्बल ने कहा कि भाजपा राजधर्म का पालन नहीं कर सकती क्योंकि यह भाजपा के स्वभाव में नहीं है कि इस तरह के कर्तव्यों के बारे में सुने, सीखे और पालन करे।