लॉकडाउन में बिना इजाजत फीस नहीं बढ़ा सकेंगे निजी स्कूल, दिल्ली सरकार का आदेश
स्कूल न फीस बढ़ा सकते हैं, न सैलरी रोक सकते हैं: सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि एक नहीं तीन-तीन महीने की फीस मांगने की शिकायत आ रही है। शिकायत मिल रही है कि जो बच्चे फीस नहीं दे रहे उनकी ऑनलाइन क्लास बंद करा दी गई है। सिसोदिया ने कहा कि कई जगह से शिकायत मिल रही है कि स्कूल एनुअल चार्ज (वार्षिक फीस) और ट्रांसपोर्टेशन चार्ज (बस का किराया) ले रहे हैं जबकि इस समय ट्रांसपोर्ट चल ही नहीं रहा। उन्होंने कहा कि जो स्कूल इस आदेश का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सिसोदिया ने कहा कि प्राइवेट स्कूल सिर्फ महीने की फीस मांग सकते हैं। कोई भी स्कूल तीन महीने की फीस नहीं मांगेगा। इसके अलावा कोई भी स्कूल ट्रांसपोर्टेशन फीस भी नहीं ले सकता। उन्होंने कहा कि अगर कोई पेरेंट्स फीस नहीं दे पा रहा है तो उनके बच्चों का नाम ऑनलाइन टीचिंग से नहीं हटाया जाएगा। कोई निजी स्कूल किसी स्टाफ की सैलरी नहीं रोकेगा। सभी प्राइवेट स्कूलों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने सभी स्टाफ को समय पर वेतन दें।
एचआरडी मंत्री ने स्कूलों से किया फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने निजी स्कूलों से लॉक डाउन के दौरान सालाना फीस बढ़ोतरी और अभिभावकों से तिमाही फीस लेने के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, "देश के अनेक अभिभावकों ने मेरे संज्ञान में यह बात लाई है कि इस संकट के समय में भी स्कूल सालाना फीस में बढ़ोतरी कर रहे हैं और 3 महीने की फीस एक साथ ले रहे हैं। मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है कि वैश्विक आपदा के समय इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। आशा है कि सभी स्कूल अपने टीचर और अन्य स्टाफ को समय पर सैलरी उपलब्ध कराने की चिंता कर रहे होंगे। मैं राज्यों के शिक्षा विभागों से आशा करता हूं कि वे संतोषजनक तरीके से अभिभावकों और स्कूलों के हितों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर रहे होंगे।"
महाराष्ट्र में अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी के पास कर सकते हैं शिकायत
महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि अगर स्कूल लॉक डाउन की अवधि में अभिभावकों से फीस मांगते हैं तो अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी के पास स्कूल की शिकायत कर सकते हैं। एक बयान में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 30 मार्च को इस संबंध में आदेश जारी किया था कि स्कूल और अन्य शिक्षण संस्थान लॉक डाउन के दौरान फीस की मांग नहीं करेंगे। लॉक डाउन खत्म होने के बाद ही स्कूल फीस की मांग कर सकते हैं।