कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को राहत नहीं, कोर्ट का गैर-जमानती वारंट पर रोक से इनकार
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे और कारोबारी रतुल पुरी को शनिवार को कोर्ट से तात्कालिक राहत नहीं मिल पाई। पुरी ने अगस्तावेस्टलैंड मामले में कोर्ट से अपने खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट पर स्टे लगाने या रद्द करने का आग्रह किया, लेकिन अदालत ने इससे इनकार कर दिया। विशेष सीबीआई जज ने पुरी की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा है। विशेष जज अरविंद कुमार ने ईडी की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को पुरी के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था। ईडी का कहना था कि पुरी साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
जांच में शामिल होने का ईमेल भेजा था
सुनवाई के दौरान रतुल पुरी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, “मेरे मुवक्किल को 13 अगस्त को हाई कोर्ट से अंतरिम राहत मिली, ईडी को 14 तारीख को ईमेल भेजा कि 15 तारीख को जांच में शामिल होना चाहते हैं। ऐसा ही ईमेल आज भी भेजा। अगर उन्होंने बुलाया होता और मैं वहां बैठता, तो जहां तक मेरी समझ है, वारंट वहीं अमान्य हो जाता।” इस पर विशेष लोक अभियोजक डी.पी. सिंह ने कहा कि मैं उन्हें हर दिन बुला रहा हूं, लेकिन तब वे नहीं आए। अब वे 15 अगस्त को आना चाहते हैं, जिस दिन राष्ट्रीय अवकाश है। दरअसल, कई आवेदन करके अदालत को गुमराह करना चाहते हैं। जब हाई कोर्ट से उन्हें अंतरिम सुरक्षा मिली हुई है, तो गैर-जमानती वारंट पर स्टे की क्या जरूरत है?
हाई कोर्ट में 20 अगस्त को होनी है सुनवाई
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया था कि इस मामले में पुरी के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। साथ ही कोर्ट ने ईडी से कहा था कि वह एक हलफनामा दायर कर अब तक के घटनाक्रम की जानकारी दे। यह भी बताए कि उसे पुरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत क्यों है। इसके अलावा आयकर विभाग ने पुरी की जो संपत्ति जब्त की है, उसकी जानकारी भी मांगी थी। हाई कोर्ट अब 20 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा।
पुरी पर वॉशरूम जाने के बहाने भागने का आरोप
ईडी का आरोप है कि 26 जुलाई को पूछताछ के दौरान वॉशरूम जाने के बहाने पुरी अधिकारियों को चमका देकर निकल गए। अधिकारियों ने मोबाइल फोन पर उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन स्विच्ड ऑफ आ रहा था। हालांकि पुरी ने इस आरोप को गलत बताया है। बता दें कि अगस्तावेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में सरकारी गवाह बने कथित बिचौलिए और दुबई के कारोबारी राजीव सक्सेना के बयान में पुरी का नाम आया था।