व्हाट्सएप जासूसी मामले पर गृह मंत्रालय ने कहा- सरकार को बदनाम करने की कोशिश
व्हाट्सएप जासूसी मामले पर गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नागरिकों के निजता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है। ऐसा करके सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है। सरकार नागरिकों के निजता के अधिकार और उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इससे पहले इस मामले पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने व्हॉट्सएप से जवाब मांगा है और चार नवंबर अपना जवाब देने के लिए कहा है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि व्हाट्सएप पर देश के नागरिकों की गोपनीयता भंग करने संबंधी रिपोर्टों के आधार पर कुछ बयान सामने आए हैं जो पूरी तरह बेबुनियाद हैं। यह सरकार को बदनाम का प्रयास है। मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है।
दोषी के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई
गोपनीयता भंग करने के लिए जिम्मेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह साफ है कि सरकार ने कानून के प्रावधानों के अनुसार कड़ाई से काम किया और प्रोटोकॉल का पालन किया। किसी निर्दोष नागरिक का उत्पीड़न न हो, उसकी गोपनीयता भंग न हो जिसके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं।
व्हाट्सएप ने लगाया आरोप
व्हाट्सएप ने इजराइल की जासूसी कंपनी एनएसओ ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाया है। इंस्टेंट मैसेजिंग एप ने कहा है कि यह कंपनी भारतीय पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी कर रही थी। व्हाट्सएप ने हैकिंग की पुष्टि करते हुए इजराइली जासूसी कंपनी पर मुकदमा भी दाखिल है। व्हाट्सएप ने कहा है कि इजरायली कंपनी एनएसओ ने फेसबुक के स्वामित्व वाली मैसेंजिंग प्लेटफॉर्म सर्विस के माध्यम से पत्रकारों और समाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी की है। साथ ही इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप ने इजरायली कंपनी के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया है। बता दें कि एनएसओ पर करीब 1,400 यूजर्स के निजी डाटा को चुराने का आरोप है।
एनएसओ ने किया खंडन
वहीं, एनएसओ ने व्हाट्सएप के लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि वह फेसबुक के खिलाफ 'सख्ती से लड़ने के लिए' तैयार है। कंपनी ने कहा, "एनएसओ का एकमात्र उद्देश्य लाइसेंस प्राप्त सरकारी खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आतंकवाद और गंभीर अपराध से लड़ने में सहा.ता करने के उद्देश्य से उन्हें तकनीक प्रदान करना है।
कांग्रेस ने साधा निशाना
व्हाट्सएप पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी के खुलासे के बाद मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है और सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप की मांग की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले और सरकार की जवाबदेही तय करे। सुरजेवाला ने दावा किया कि 'अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार' इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।