आउटलुक का नया अंक “संतुलन साधने का वक्त ” करें डाउनलोड, एक क्लिक पर पढ़ लेंगे पूरी मैगजीन
कोरोना महामारी के संकट में आउटलुक का विशेष डिजिटल संस्करण "संतुलन साधने का वक्त" ऑनलाइन उपलब्ध है। इस बार के अंक में हमने 40 दिन से चल रहे लॉकडाउन से निकलने की क्या रणनीति होनी चाहिए, इस पर हमने देश के आम आदमी, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ से लेकर उद्योग धंधे चलाने वालों से बात की है। इनके जरिए हमने यह बताने की कोशिश की है कि स्थिति कितनी गंभीर होती जा रही है और अगर समय रहते त्वरित कदम नहीं उठाए गए, तो हमारा देश दशकों पीछे चला जाएगा। 18 मई 2020 के इस अंक को आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर सीधे डाउनलोड कर सकते हैं।
https://www.outlookhindi.com/issue/olh_18may_2020.pdf
कवर स्टोरी
आउटलुक के संपादक हरवीर सिंह ने इस बार कवर स्टोरी “कैसे रफ्तार पकड़े जिंदगी” में यह बताया है कि ग्रामीण भारत में इंडिया की सेहत सुधारने का फॉर्मूला है। ऐसे में इस फॉर्मूले पर तुरंत अमल करना चाहिए। इसके अलावा अन्य स्टोरी में यह बताने की कोशिश की गई है कि राहत पैकेज में देरी कितना भारी नुकसान पहुंचा सकती है। साथ ही भारत कैसे अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे देशों की तुलना में राहत पैकेज देने में पिछड़ गया है। यही नहीं रोजगार देने वाले प्रमुख क्षेत्रों को इस वक्त मोदी सरकार से किस मदद की बेहद जरूरत है।
जाने-माने विशेषज्ञों ने बताया रास्ता
संकट से निकलने के लिए अमेरिका का कार्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कौशिक बसु, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बिश्वजीत धर, अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने भी ठप पड़ी अर्थव्यवस्था को रिवाइव करने का फॉर्मूला बताया है। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भूपेंद्र यादव, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कोविड-19 संकट पर अपने विचार रखे हैं।
ऐसे डाउनलोड करें ई-मैगजीन
नए अंक का लिंक outlookhindi.com वेबसाइट के मैगजीन सेक्शन में कवर पेज के नीचे दिया गया है। 'ई मैगजीन पढ़ें' पर क्लिक करके आप पूरी पत्रिका डाउनलोड कर सकते हैं। साथ ही, सीधे भी आप इस लिंक पर क्लिक करके पत्रिका डाउनलोड कर सकते हैं.. https://www.outlookhindi.com/issue/olh_18may_2020.pdf
एक वादा भी
जैसा हम सभी जानते हैं कि यह अभूतपूर्व संकट का दौर है, इस वजह से हम आपके हाथों तक मैगजीन नहीं पहुंचा पा रहे हैं। लेकिन हमारा वादा है कि जैसे ही यह संकट दूर होगा आपकी प्रिय पत्रिका एक बार फिर आपके हाथों में होगी।