जम्मू-कश्मीर में इस साल 300% बढ़ीं सीमापार से फायरिंग की घटनाएं
इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में भारत-पाक सीमा पार से गोलीबारी की घटनाओं में तीन सौ फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते पिछले पांच सालों में बीएसएफ के जवान भी काफी मारे गए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अब तक इस साल बिना उकसावे के गोलीबारी की तीन सौ से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच जवानों को अपनी जान गंवानी पड़ी जबकि जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात 34 जवान गोलीबारी में जख्मी हो गए। यह सभी जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात थे।
सीमापार फायरिंग की पिछले साल बिना उकसावे की गोलीबारी की कुल 111 घटनाएं सामने आई थीं जबकि वर्ष 2016 में 204, 2015 में 350 और 2014 में 127 मामले सामने आए थे। पिछले साल गोलीबारी से सीमा सुरक्षा में लगे दो जवानों की मौत हुई थी जबकि सात अन्य घायल हुए थे। 2016 में इसी तरह की घटनाओं में बीसीएफ के तीन जवान मारे गए थे जबकि 10 अन्य घायल हुए थे।
इसी तरह 2015 मेँ एक बीएसएफ जवान की मौत हो गई थी और पांच घायल हो गए थे तथा 2014 में बीएसएफ को दो लोगों की मौत हो गई थी और 14 घायल हो गए थे। बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई के लिए रुस्तम, अर्जुन और भीम नाम से तीन अभियान शुरू किए थे।
एक अधिकारी के मुताबिक, पिछले नौ दिनों से रमजान के दौरान जम्मू की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले नौ दिनों से सीजफायर के चलते हालात कुछ शांत हैं लेकिन पिछले दिनों पाकिस्तान की तरफ से हुई कुछ घटनाओं ने इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं।