Advertisement
30 April 2020

लखनऊ के संजय गांधी अस्पताल ने थैलीसीमिया मरीजों के लिए बंद किए दरवाजे, 500 से ज्यादा मरीज प्रभावित

देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में एक लखनऊ के संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में 500 से ज्यादा थैलेसीमिया मरीजों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन की सुविधा देने से इनकार कर दिया गया। इन मरीजों को जीवित रहने के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है। इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने निर्देश भी दिए थे लेकिन अस्पताल प्रसाशन पर उसका कोई असर नहीं हुआ। अब मरीज परेशान हैं कि आखिर वे ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए कहां जाएं।

संयोगवश, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 9 अप्रैल को ब्लड ट्रांसफ्यूजन  लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों को लिखित में बताया है कि थैलेसीमिया, हीमोफिलिया और सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त लोगों को नियमित रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है। इसलिए, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनका उचित और निर्बाध तरीके से ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया जाना चाहिए।

सरकार का अनुरोध भी बेअसर

Advertisement

ऐसा लगता है कि राज्यों ने केंद्र सरकार के अनुरोध पर आंख मूंद ली है। गुरुवार को एसजीपीजीआई, लखनऊ में गए एक मरीज ने कहा, “मैं आज रक्त चढ़ाने के लिए एक डोनर के साथ यहां आया था, लेकिन डॉक्टर ने यह कहते हुए मुझे चले जाने के लिए कहा कि यह सुविधा बंद हो गई है। करीब एक दर्जन थैलेसीमिया रोगी रोजाना अस्पताल पर निर्भर थे लेकिन इस बंद का असर 500 से ज्यादा मरीजों पर पड़ा है, जो यह नहीं जानते कि अब कहां जाना है।”

एक अन्य मरीज ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “डॉक्टर ने हमें बताया कि थैलेसीमिया के मरीज़ों से अस्पताल में कोविड-19 संक्रमण फैल सकता है, ये डॉक्टरों को संक्रमित कर सकते हैं। यही कारण है कि उन्होंने विभाग बंद कर दिया है।” एसजीपीजीआई के थैलेसीमिया वार्ड की विभागाध्यक्ष शुभा फड़के ने संपर्क करने पर, स्वीकार किया कि ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेवाओं को बंद कर दिया गया है।

अस्पताल प्रशासन ने झाड़ा पल्ला

फडके ने कहा कि अस्पताल ने थैलेसेमिया वार्ड को कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों के लिए कोविड-19 ब्लॉक में बदल दिया है। हम थैलेसीमिया के मरीजों का इलाज नहीं कर सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें संक्रमण हो सकता है। थैलेसीमिक्स इंडिया सोसाइटी ऑफ लखनऊ के अध्यक्ष प्रवीर आर्य ने कहा कि अगर अस्पताल ने थैलेसीमिया वार्ड को कोविड-19 वार्ड में बदल दिया है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन राज्य सरकार को कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हमने लखनऊ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की तो उन्होंने इसका कोई समाधान नहीं किया।

फड़के ने दावा किया कि यूपी सरकार ने ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए कई स्थानों पर व्यवस्था की है लेकिन मरीजों ने इन दावों से इनकार करते हुए कहा कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। एक मरीज ने कहा कि निजी अस्पताल ब्लड ट्रांसफ्यूजन के लिए या तो 2,500 रुपये से ज्यादा ले रहे हैं या फिर ब्लड ट्रांसफ्यूजन ही नहीं करते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Over, 500, Thalassemia, Patients, Suffer, Lucknow, Hospital, Shuts, Door
OUTLOOK 30 April, 2020
Advertisement