दशहत के कारण मजदूरों का पलायन कोरोनावायरस की तुलना में बड़ी समस्याः सुप्रीम कोर्ट
कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन हजारों प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की मांग करने वाली याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की, जो शहरों को छोड़कर अपने घर की ओर पलायन कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि दशहत के कारण मजदूरों का पलायन कोरोनावायरस की तुलना में एक बड़ी समस्या है। कोर्ट ने उठाए गए कदमों पर केंद्र सरकार से मंगलवार तक स्टेट्स रिपोर्ट तलब की है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए सरकार पहले से ही कई काम कर रही है। ऐसे में कोर्ट इसमें दखल नहीं देना चाहती। स्टेटस रिपोर्ट मिलने का इंतजार किया जाना चाहिए। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र और सभी राज्य सरकार स्थिति को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं।
मजदूरों की सुविधाओं के लिए दायर की है याचिका
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि कोरोना के चलते लॉकडाउन होने से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। उनके पास न तो रहने की सुविधा है और न ही घर पहुंचने का जरिया, इन लोगों को भयंकर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
देश में हो चुकी है 29 की मौत
बता दें कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़कर हो गए हैं और अब तकक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 106 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।दुनिया में तीस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमित मरीजों की संख्या सात लाख के पार पहुंच चुकी है। राहत वाली बात यह है कि 96 मरीज इस बीमारी से ठीक भी हो चुके हैं.
रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की वजह से देश की जनता को रही परेशानियों के लिए क्षमा मांगते हुए कहा कि यह फैसला जरूरी था। 'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि यह लॉकडाउन आपके खुद के बचने के लिए है। आपको खुद को और अपने परिवार को बचाना है। आपको लक्ष्मण रेखा का पालन करना ही है।