ट्विटर प्रतिनिधियों से नहीं मिली संसदीय समिति, सीईओ को पेशी के लिए दिए 15 दिन
चिट्ठी में आगे लिखा गया कि भारत की संसदीय समिति के समक्ष ट्विटर का प्रतिनिधित्व करने के लिए किसी छोटे कर्मचारी को भेजना ठीक नहीं होगा, खासकर तक जब उनके पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। संसदीय समिति की बैठक पहले 7 फरवरी को होनी थी लेकिन ट्विटर के सीईओ और अन्य अधिकारियों को और अधिक समय देने के लिए बैठक को 11 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लेकिन अधिक समय दिए जाने के बावजूद सोमवार को भी ट्विटर के सीईओ और वरिष्ठ अधिकारी संसदीय समिति के पेश नहीं हुए।
चुनाव में सोशल मीडिया की भूमिका पर चल रही चर्चा
ट्विटर के अधिकारियों को संसदीय समिति के समक्ष पेश होने के लिए तब बुलाया गया है, जब देश और दुनिया में सोशल मीडिया मंचों के जरिए चुनावों में हस्तक्षेप को लेकर चर्चा हो रही है। भारतीय संसदीय समिति चौथी संस्था है जिसने ट्विटर से इस पर राय मांगी है। इससे पहले नीति निर्माताओं के समक्ष ट्विटर को अपनी बात रखने के लिए अमेरिकी कांग्रेस, सिंगापुर और यूरोपियन यूनियन भी बुला चुकी है।