पात्रा चॉल घोटालाः ईडी ने संजय राउत को हिरासत में लिया; अपने साथ लेकर दफ्तर पहुंची, शिवसेना नेता ने आरोपों को किया खारिज
ईडी के अधिकारी शिवसेना नेता संजय राउत को मुंबई में उनके आवासीय परिसरों पर छापेमारी के बाद हिरासत में लेने के बाद अपने साथ ले गए। मौके पर पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे। इससे पहले पात्रा चॉल घोटाले को लेकर ईडी ने राउत से करीब 9 घंटों की पूछताछ की। वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि वह किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं और उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई झूठे सबूतों पर आधारित है।
राउत ने कहा कि मर जाऊंगा, लेकिन न तो आत्मसमर्पण करूंगा और न ही शिवसेना छोड़ूंगा। राज्यसभा सदस्य ने ट्वीट में यह बात कही, जिसे उन्होंने केंद्रीय एजेंसी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में रविवार सुबह उपनगरीय भांडुप में उनके आवास पर तलाशी शुरू करने के तुरंत बाद पोस्ट किया। राउत ने कहा, "झूठी कार्रवाई, झूठे सबूत। मैं मर जाऊंगा, लेकिन आत्मसमर्पण नहीं करूंगा। मैं शिवसेना को कभी नहीं छोड़ूंगा। मैं बालासाहेब ठाकरे की कसम खाता हूं कि मैं किसी घोटाले में शामिल नहीं हूं। उन्होंने हमें लड़ना सिखाया और मैं शिवसेना के लिए लड़ना जारी रखूंगा।”
मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में सुबह ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम शिवसेना सांसद संजय राउत के मुंबई स्थित आवास पर पहुंची थी। गोरेगांव के पात्रा चॉल के पुनर्विकास धोखाधड़ी से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने संजय राउत को दो बार समन भेजा था, लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए।
मुंबई आवास पर तलाशी लेने पर संजय राउत ने ट्वीट किया कि, "महाराष्ट्र और शिवसेना की लड़ाई जारी रहेगी।" दो दिन पहले इस मामले की एक गवाह स्वप्ना पाटकर ने पुलिस को बताया कि उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे कि वह संजय राउत के खिलाफ ईडी को अपना बयान वापस ले ले।
संजय राउत की पत्नी वर्षा और स्वप्ना के पास अलीबाग में एक जमीन थी जिसे उनके संयुक्त नाम से खरीदा गया था। ईडी को संदेह है कि स्वप्ना पाटकर के अलग रह रहे पति सुजीत पाटकर के जरिए, गिरफ्तार कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल धोखाधड़ी से डायवर्ट किए गए पैसे से जमीन खरीदी थी। प्रवीण राउत संजय राउत के दोस्त है।.
ईडी ने अप्रैल में संजय राउत की पत्नी वर्षा के स्वामित्व वाले मुंबई में एक फ्लैट और अलीबाग भूमि को कुर्क किया था। ईडी ने आरोप लगाया था कि इन संपत्तियों को प्रवीण राउत द्वारा डायवर्ट किए गए पैसे से खरीदा गया था। वहीं स्वप्ना पाटकर के परिसरों में हाल की तलाशी के दौरान, ईडी को अलीबाग की जमीन के दस्तावेज मिले। इससे पहले ईडी को दिए अपने बयान में स्वप्ना ने बताया कि उनके नाम का इस्तेमाल जमीन खरीदने के लिए किया गया था, हालांकि उस पर उनका कोई स्वामित्व अधिकार नहीं था और भूमि पार्सल का स्वामित्व संजय राउत के पूर्ण नियंत्रण में है। ये पूरा घोटाला 1 हजार करोड़ से भी ज्यादा का है।
ईडी के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल को पुनर्विकसित करने का काम मिला था। यह काम एमएचएडीए ने उसे सौंपा था। इसके तहत मुंबई के गोरेगांव में 47 एकड़ में पात्रा चॉल में 672 किरायेदारों के घरों पुनर्विकसित होने थे। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने एमएचएडीए को गुमराह किया और बिना फ्लैट बनाए ही यह जमीन 9 बिल्डरों को 901.79 करोड़ रुपये में बेच दी। बाद में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने मीडॉवास नाम से एक प्रोजेक्ट शुरू किया और और घर खरीदारों से फ्लैट के लिए 138 करोड़ रुपये जुटाए। जांच में सामने आया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गैरकानूनी तरीके से 1,034.79 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की. आगे चलकर उसने गैरकानूनी तरीके से ही इस रकम को अपने सहयोगियों को ट्रांसफर कर दी। गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) की सिस्टर कंपनी है। जांच में सामने आया कि एचडीआईएल ने करीब 100 करोड़ रुपये प्रवीण राउत के खाते में जमा कराए थे। 2010 में प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के खाते में 83 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे. इस रकम से वर्षा राउत ने दादर में एक फ्लैट खरीदा. ED की जांच शुरू होने के बाद वर्षा राउत ने माधुरी राउत के खाते में 55 लाख रुपये भेजे थे।