पीएफआई ने भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने के लिए युवाओं को लश्कर, ISIS, अल-कायदा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया, एनआईए का दावा
केरल की एक विशेष अदालत में एनआईए ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) केरल में अपने पदाधिकारियों,सदस्यों और सहयोगियों की मदद से कमजोर युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक सहितअन्य आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही, जांच एजेंसी ने पीएफआई पर आतंकवादी कृत्य करके भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया है।
केंद्रीय एजेंसी ने केरल से संचालित पीएफआई के सदस्यों और कैडरों पर सार्वजनिक शांति को बाधित करने, भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के इरादे से “विभिन्न धर्मों और समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने, सद्भावना बिगाड़ने और हानिकारक गतिविधियों में शामिल होने आरोप लगाया।" मामले की जांच कर रही एनआईए की कोच्चि शाखा ने यह दावा पीएफआई के शिक्षा विंग के राष्ट्रीय प्रभारी करमना अशरफ मौलवी और अन्य की न्यायिक रिमांड के लिए दिए आवेदन में किया।
एनआईए के अनुसार, पीएफआई राज्य और उसकी मशीनरी के खिलाफ नफरत पैदा करने के लिए लोगों को विशेष वर्ग खिलाफ एवं सरकारी नीतियों की गलत व्याख्या करके भारत के खिलाफ असंतोष फैलाता है। एनआईए ने यह भी कहा की पीएफआई देश भर के गरीब, कमजोर युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा सहित अन्य आतंकवादी संगठन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है।
इस खुलासे के बाद एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस बलों ने गुरुवार को पूरे भारत में की गई खोजों के दौरान 106 पीएफआई नेताओं, कैडर और अन्य को गिरफ्तार किया। एनआईए ने केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर के 15 राज्यों के 93 स्थानों पर तलाशी ली।