उत्तराखंड के मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, रूड़की धर्म संसद में कोई भड़काऊ भाषण न हो
धर्म संसद में दी जाने वाली हेट स्पीच के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि रुड़की में निर्धारित 'धर्म संसद' में कोई अप्रिय भाषण नहीं दिया जाए।
साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को एक हलफनामा दायर कर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि कार्यक्रम में कुछ गलत होने से रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं। सरकार को इस तरह की घटना और अस्वीकार्य भाषणों को रोकना चाहिए।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, "हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को उपरोक्त स्थिति को रिकॉर्ड में रखने और आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों द्वारा किए गए सुधारात्मक उपायों पर हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए गए हैं।"
बता दें कि उत्तराखंड में कल यानी 27 अप्रैल को महापंचायत का आयोजन होने वाला है। इससे पहले कई राज्यों में धर्म संसद का आयोजन हो चुका है। इन्हीं आयोजनों में से हिमाचल प्रदेश के ऊना, यूपी के हरिद्वार और दिल्ली में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उत्तराखंड सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पर संज्ञान लिया।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मच गया था। दरअसल, इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है। वक्ता ने कहा था कि किसी भी हालत में देश में मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने। वक्ता ने कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी।