सबरीमाला मंदिर मामले में महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल
सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई। नेशनल अयप्पा डिवोटी एसोसिएशन की अध्यक्ष शैलजा विजयन ने पिटीशन दायर की है।
पिटीशन मे कहा गया है कि जो महिलाएं आयु पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट आई थीं वह अयप्पा भक्त नहीं हैं। ये फैसला लाखों अयप्पा भक्तों के मौलिक अधिकारों को प्रभावित करता है। पिटीशन में कहा गया है कि कोई भी कानूनी विद्वान यहां तक कि सबसे बड़ा न्यायवादी या न्यायाधीश भी जनता के सामान्य ज्ञान जैसा नहीं हो सकता। इस देश में उच्चतम न्यायिक न्यायाधिकरण की कोई न्यायिक घोषणा नहीं है। वहीं, नैयर सर्विस सोसाइटी ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि सबरीमला पर संविधान पीठ के फैसले पर फिर से विचार हो। ये फैसला धार्मिक अधिकार का उल्लंघन है।
पिछले महीने कोर्ट ने खोले हैं मंदिर के दरवाजे
पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को हरी झंडी दे दी थी। कोर्ट ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया था और इस प्रथा को असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सबरीमाला मंदिर के दरवाजे सभी महिलाओं के लिए खोल दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले तक 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।