पीएम मोदी ने कहा- पॉलिसी-पॉलिटिक्स हो सकती है अलग, अंतिम लक्ष्य में नहीं होना चाहिए मतभेद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी, जिसमें आधुनिक सुख सुविधाएं होंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि पॉलिसी में अंतर हो सकता है, पॉलिटिक्स में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम जनता की सेवा के लिए हैं, इस अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है.हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है। ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में इसका कोई विधि-विधान भी नहीं है.इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे। इसमें चुनकर आने वाले जन-प्रतिनिधि. उनका समर्पण, उनका सेवा भाव, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा.उनका आचार-विचार-व्यवहार, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा। पीएम ने कहा कि मतभेद के लिए हमेशा जगह हो लेकिन डिस्कनेक्ट कभी ना हो, इसी लक्ष्य को लेकर हमारा लोकतंत्र आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। अगर हम अपने लोकतंत्र का गुणगान करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी ‘इंडिया इज़ मदर ऑफ डेमोक्रेसी’।
पीएम ने कहा कि मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था, तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था। हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
बता दें कि नई संसद पुरानी से बड़ी होगी और इसका डिजाइन भी काफी अलग रहने वाला है। ये नया संसद भवन ना केवल पुराने भवन से बड़ा होगा बल्कि इसका आकार भी गोल ना होकर त्रिभुज के जैसा होगा। करीब 100 पुराने इस भवन को अब एक नया रंग रूप मिलने जा रहा है। नये संसद भवन का निर्माण 2022 तक पूरा होना है। देश की आजादी के 75वें वर्ष में नये भवन में बैठक शुरू होगी। नया संसद भवन आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगे होंगे। साथ ही भविष्य को ध्यान में रखते हुये लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में सदस्यों के लिए सीटों की संख्या भी बढ़ाई जायेगी।
शिलान्यास के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाएगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद सहित कई सरकारी इमारतों वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में किसी भी निर्माण पर फिलहाल रोक लगा रखी है, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 5 नवंबर को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।