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25 February 2019

नेशनल वॉर मेमोरियल की अहम बातें, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन

File Photo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां इंडिया गेट के पास 40 एकड़ में बनाए गए नेशनल वॉर मेमोरियल का उद्घाटन किया। आजादी के बाद देश की रक्षा की खातिर शहीद होने वाले 25 हजार 942 जवानों की याद में यह वॉर मेमोरियल बनाया गया है। इन शहीदों के नाम दीवार की ईंटों में उकेरे गए हैं।

कई दशकों से थी मांग, 2014 से काम शुरू हुआ: पीएम मोदी

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व सैन्यकर्मियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नया हिंदुस्तान, नया भारत, आज नयी नीति और नयी रीति के साथ आगे बढ़ रहा है। मजबूती के साथ विश्वपटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है। उसमें एक बड़ा योगदान आपके शौर्य, अनुशासन और समर्पण का है।

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उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक जगह पर मैं देश की रक्षा की खातिर पुलवामा में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि नेशनल वॉर मेमोरियल की मांग कई दशकों से थी। पिछले दशक में भी एक या दो प्रयास हुए लेकिन कुछ ठोस नहीं हुआ। ढाई दशक पहले इस मेमोरियल की फाइल आगे बढ़नी शुरू हुई। अटल जी के कार्यकाल में प्रक्रिया तेज हुई लेकिन बाद में फिर स्थिति वैसी ही हो गई। आपके आशीर्वाद से 2014 से इसकी शुरुआत हुई।

'पहली बार महिलाएं फाइटर पायलट बन रही हैं'

पीएम मोदी ने कहा कि हम सेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। जो फैसले पहले असंभव माने जाते थे, अब वे संभव हो गए हैं। देश की रक्षा के लिए समाज के हर भाग को योगदान करने की जरूरत है। इस विचारधारा की वजह से पहली बार महिलाएं फाइटर पायलट बन रही हैं। सेनाओं में बेटियों की भागीदारी मजबूत करने के निर्णय लिए गए हैं।

नेशनल वॉर मेमोरियल के बारे में अहम बातें

नेशनल वॉर मेमोरियल को ऐसे तैयार किया गया है, जिससे राजपथ और इसकी भव्य संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। इससे लगे प्रस्तावित नेशनल वॉर म्यूजियम के लिए उपयुक्त डिजाइन तय करने की प्रक्रिया चल रही है। इसकी शुरुआती लागत करीब 500 करोड़ रुपए है और इसे तैयार होने में अभी कुछ साल और लगेंगे।

मध्य में बनीं 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति

छह भुजाओं (हेक्सागोन) वाले आकार में बने मेमोरियल के केंद्र में 15 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ बनाया गया है। इस पर भित्ति चित्र, ग्राफिक पैनल, शहीदों के नाम और 21 परमवीर चक्र विजेताओं की मूर्ति बनाई गई है। स्मारक चार चक्रों पर केंद्रित है- अमर चक्र, वीरता चक्र, त्याग चक्र, रक्षक चक्र। इसमें थल सेना, वायुसेना और नौसेना के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है। शहीदों के नाम दीवार की ईंटों में उकेरे गए हैं। स्मारक का निचला भाग अमर जवान ज्योति जैसा है।

मोदी सरकार ने 4 साल पहले निर्माण को मंजूरी दी

पहली बार 1960 में नेशनल वॉर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव सशस्त्र बलों ने दिया था। सरकारों की उदासीनता, ब्यूरोक्रेट्स और सेना के बीच गतिरोध से इसका निर्माण नहीं हो सका। मोदी सरकार ने अक्टूबर 2015 में इस स्मारक के निर्माण को मंजूरी दी थी। 

इंडिया गेट 1931 में बना, 1972 में अमर जवान ज्योति

दुनिया के बड़े देशों में सिर्फ भारत में ही अब तक युद्ध स्मारक का निर्माण नहीं हुआ था। अंग्रेजों ने पहले विश्व युद्ध में शहीद भारतीयों की याद में 1931 में इंडिया गेट बनवाया था। 1971 के युद्ध में शहीद हुए 3,843 सैनिकों के सम्मान में अमर जवान ज्योति बनाई गई थी।

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TAGS: PM Narednra Modi, national war memorial, india gate
OUTLOOK 25 February, 2019
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