ट्रैक्टर परेड पर बोले पुलिस कमिश्नर- किसानों नेताओं ने असामाजिक तत्वों को आगे किया, एग्रीमेंट तोड़ा, दोषी पर होगी कड़ी कार्रवाई
गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई जारी है। बुधवार दोपहर तक करीब 200 से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है, जबकि दो दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से कुछ किसान नेताओं पर भी एफआईआर की गई हैं। वहीं, हिंसा के बाद किसान नेताओं में दरार दिखने लगी है। दो संगठनों ने किसान आंदोलन से अलग होने का फैसला लिया है। बुधवार को हिंसा पर पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों नेताओं ने असामाजिक तत्वों को जत्थों मं आगे किया जबकि तय हुआ था कि किसान नेता जत्थों को लीड करेंगे। किसान नेताओं ने दिल्ली पुलिस के साथ विश्वासघात किया।
बुधवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कोई भी किसान नेता दोषी पाया जाता है तो उसको छोड़ा नहीं जाएगा। पुलिस ने 25 केस दर्ज किए हैं। हमारे पास हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज हैं। हम चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।. अब तक 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 50 लोग हिरासत में हैं।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए। इनमें कुछ अभी भी अस्पताल में है जबकि कुछ आईसीयू में एडमिट हैं। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं ने पुलिस की बातें नहीं मानी। उन्होंने कहा कि तय समय से पहले ही किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। मुकरबा चौक पर सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण दिया। इसके बाद किसान भड़क गए। शांतिपूर्ण रैली की शर्त थी लेकिन, किसानों ने तय रूट की अनदेखी की।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि किसान नेता किसानों को उकसा रहे थे और वे वही थे जो पूर्व निर्धारित मार्गों पर जाने से इनकार कर रहे थे। हमारे पास ऐसे वीडियो हैं जो दिखा रहे हैं कि कैसे नेता किसानों को उकसा रहे थे। गाजीपुर से राकेश टिकैत की टीम ने बैरिकेड को तोड़ा और आगे बढ़ गए। पुलिस के सामने कई विकल्प थे लेकिन हमने संयम बरता। किसान नेता भी हिंसा में शामिल थे। उन्होंने कहा कि हिंसा में पुलिस की 30 गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि हमें 2 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की। हमने 26 जनवरी को परेड नहीं निकालने को कहा, लेकिन वे दिल्ली में रैली निकालने पर अड़े रहे। 25 जनवरी को हमने महसूस किया कि किसान उपद्रवी तत्वों को आगे बढ़ा रहे हैं। किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया तो वहीं दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया। उन्होंने किसानों को भड़काया। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने किसान नेताओं को केएमपी का ऑप्शन दिया। किसान नेताओं ने दिल्ली में ही ट्रैक्टर मार्च निकालने की ठान ली थी। आखिरी मीटिंग में हमने 3 रूट दिए थे।