मक्का मस्जिद ब्लास्ट फैसले के बाद सियासत तेज, आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत से स्वामी असीमानंद समेत सभी 5 आरोपियों के बरी हो जाने पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसको लेकर NIA पर हमला बोला है। ओवैसी ने NIA को बहरा और अंधा तोता करार देते हुए केस में राजनीति दखल का आरोप लगाया। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी जांच एजेंसी पर सवाल उठाए।
वहीं, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘भाजपा कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करती। हम न्यायपालिका की कार्यशैली पर टिप्पणी नहीं करते। यह स्वतंत्र संस्था है। कांग्रेस ने टूजी स्पेक्ट्रम के समय फैसले को सही बताया था लेकिन आज फैसले पर सवाल उठा रही है।‘
पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने कहा, ‘मुझे नहीं पता चार्जशीट में क्या डीटेल्स थे। न ही हमें ये पता है कि किस तरह के सवाल-जवाब हुए।‘
कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, ‘अब फैसले की पड़ताल करना सरकार पर है और उसे निर्णय करना है कि आगे अपील करनी है या नहीं। चूंकि यह न्यायिक मामला है, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।‘
ओवैसी बोले- NIA बहरा और अंधा तोता
ओवैसी यहीं नहीं रुके और NIA को बहरा और अंधा तोता तक बता डाला। उन्होंने कहा, 'न्याय नहीं हुआ है। NIA और मोदी सरकार ने आरोपियों को मिली बेल के खिलाफ भी अपील नहीं की। यह पूरी तरह से पक्षपाती जांच थी। इससे आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर हुई है।'
ओवैसी ने कहा, 'NIA एक बहरा और अंधा तोता है। एजेंसी ने आरोपियों के बेल के खिलाफ अपील नहीं की। गवाह अपने बयान से पलट गए। यह पीड़ितों के लिए नुकसान की बात रही। आज के फैसले के बाद आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई कमजोर हुई है।'
‘हिंदू टेरर’ शब्द के लिए चिदंबरम पर हो केस दर्ज: स्वामी
स्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस मामले में चिदंबरम पर मामला दर्ज करना चाहिए। स्वामी ने कहा कि हिंदू टेरर थिअरी के लिए पूर्व गृह मंत्री पर केस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदू टेरर शब्द के जरिए हिंदुओं पर सवाल उठाए। स्वामी ने कहा, 'इसके पीछे बड़ी साजिश थी। इस मामले में शामिल लोगों को सजा मिलनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि हिंदू टेरर शब्द का प्रयोग कर वे RSS को निशाना बनाना चाहते थे और उसे बैन करना चाहते थे।
विश्व हिन्दू परिषद् के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने मक्का मस्जिद विस्फोट के सन्दर्भ में आए न्यायालय के निर्णय पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे यूपीए सरकार के मुह पर तमाचा करार दिया।
कांग्रेस ने NIA जांच को बताया पक्षपाती
कांग्रेस ने NIA की जांच को पक्षपाती बताया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सभी जांच एजेंसी केंद्र सरकार की कठपुतली बन गई है। इस मामले की जांच कोर्ट की निगरानी में हो। उन्होंने कहा कि NIA बीजेपी सरकार के अंदर काम करती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि वह ट्रायल कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। यहां आगे फिर से अपील की जा सकती है। इस मामले में दर्जनों गवाह अपने बयान से मुकर गए। इस पर सवाल तो खड़े होते ही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। ओवैसी का सवाल पर चिंता तो पैदा करता ही है।
गौरतलब है कि 18 मई 2007 को हुए इस ब्लास्ट में 9 मारे गए थे जबकि 58 घायल हुए थे। बाद में प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस फायरिंग में भी कुछ लोग मारे गए थे। आपको बता दें कि एनआईए मामलों की चतुर्थ अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन सत्र सह विशेष अदालत ने केस की सुनवाई पूरी कर ली थी। आपको बता दें कि इस मामले में 10 आरोपियों में से आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। कोर्ट ने अपने फैसले में सभी पांच आरोपी देवेंद्र गुप्ता, लोकेश शर्मा, स्वामी असीमानंद उर्फ नबा कुमार सरकार, भारत मोहनलाल रत्नेश्वर उर्फ भारत भाई और राजेंद्र चौधरी को कोर्ट ने बरी करने का फैसला सुनाया। इन सभी को मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनपर ट्रायल चला था।