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10 November 2023

हमारे पास बहुत सारी रिपोर्ट और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा, प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट

राजधानी दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार से कहा कि हमारे पास बहुत सारी रिपोर्टें और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं हो रहा है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि हम परिणाम देखना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम तकनीकी लोग नहीं हैं।

 

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि प्रदूषण से जुड़ी कई रिपोर्ट और समितियां हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हो रहा। पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय परिणाम देखना चाहता है। न्यायालय को बताया गया कि पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।

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बता दें कि दिल्ली के प्रूदषण और पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली को लेकर दायर की गईं याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ऑड-ईवन, पराली जलने आदि को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान मुख्य सचिवों को बैठक कर पराली और प्रदूषण की समस्या पर काम करने के लिए कहा था। यही वजह रही कि आज यानी 10 नवंबर की सुनवाई शुरू होते ही अदालत ने सबसे पहले यही पूछा कि आप लोगों ने क्या किया?

दिल्ली सरकार को कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आप पिछले 6 साल से बात कर रहे हैं, जबकि हमें समस्या का समाधान चाहिए। हर साल कोर्ट दखल देता है, तभी सरकारें कुछ करती हुई दिखती हैं। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने सरकार से पूछा कि बीते 6 साल से आप क्या कर रहे थे, हम 6 साल से इस समस्या पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन समस्या का समाधान होते हुए नहीं दिखाई दे रहा है।

शीर्ष अदालत वायु प्रदूषण पर 1985 में पर्यावरणविद् एम सी मेहता द्वारा दायर एक याचिका पर विचार कर रही है और इसी मामले की सुनवाई के दौरान पराली जलाए जाने का मुद्दा उठा।

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फसलों का अवशेष जलाना रोकना होगा। कोर्ट ने आगे कहा, आज (10 नवंबर) दिल्ली में बारिश हुई है, शायद भगवान ने लोगों की प्रार्थना सुन ली और उनकी सहायता की है। इसके लिए सरकार को थैंक्यू नहीं बोला जा सकता है। पंजाब में पराली जलाए जाने के तर्क को सुनते हुए कोर्ट ने कहा कि धान की खेती से पंजाब में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। हम एक और रेगिस्तान नहीं देखना चाहते, वहां पर धान की जगह किसी और फसल को प्रोत्साहित करना बेहद जरूरी हो गया है।

 

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TAGS: Pollution, Delhi Pollution, SC, Supreme Court, Delhi Pollution
OUTLOOK 10 November, 2023
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