आईटीपीओ भ्रष्टाचार मामले में कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के एमडी को मिली जमानत
दिल्ली की अदालत ने कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय कुलकर्णी को जमानत दे दी है। उन्हें प्रगति मैदान स्थित आईटीपीओ पुनर्निमाण प्रोजेक्ट में हुए 2150 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सीबीआई ने एनबीसीसी के अध्यक्ष तथा प्रबंधक निदेशक अनूप मित्तल को भी आरोपी बनाया है।
मंगलवार को विशेष जज अरविदं कुमार ने कुलकर्णी को एक लाख के निजी मुचलके और इतनी ही राशि पर जमानत दी है। अदालत ने सोमवार को इस मामले में बिचौलिये ऋषभ अग्रवाल को जमानत दे दी थी। अदालत ने सीबीआई तथा कुलकर्णी और अग्रवाल के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद पांच जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मालूम हो कि प्रगति मैदान में पुनर्निमाण का कांट्रेक्ट एनबीसीसी ने शापूरजी पल्लूनजी एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और शापूरजी पल्लूनजी कतर डब्ल्यूएलएल को 2149.93 करोड़ में दिया था। इस काम को सब-कांट्रेक्ट पर लेने के लिए मुंबई की कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स शापूरजी पल्लूनजी भी प्रयास कर रही थी। आरोप है कि संजय कुलकर्णी ने इस कंपनी के पक्ष में काम हासिल करने के लिए एनबीसीसी के लोक सेवकों के साथ संबंध रखने वाले बिचौलिये ऋषभ अग्रवाल के माध्यम से मुलाकात की थी। ऋषभ अग्रवाल ने एक खुफिया एजेंसी में अधिकारी के पद पर कार्यरत प्रदीप कुमार मिश्रा से संपर्क किया था। मिश्रा एनबीसीसी के कुछ अधिकारियों से बेहद घनिष्ठ संबंध थे।
खुफिया एजेंसी में कार्यरत अधिकारी के कहने पर एनबीसीसी के अध्यक्ष अनूप मित्तल ने कार्यकारी निदेशक एनबीसीसी को सख्त आदेश दिये थे कि वह मुंबई की कंपनी कैपेसाइट स्ट्रक्चर्स के पक्ष में मामला सेटल करे। इसके बाद 15 दिसम्बर 2017 को संजय कुलकर्णी तथा एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी। सीबीआई का कहना है कि करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के इस मामले में गत 22 दिसम्बर को अनूप मित्तल, संजय कुलकर्णी , ऋषभ अग्रवाल तथा प्रदीप मिश्रा तथा रिश्वत देने वाले आकाशदीप चौहान सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मिश्रा तथा चौहान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।