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23 April 2020

स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को अब सात साल की सजा, अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी

पीटीआइ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में गुरुवार को महामारी रोग (संशोधन) अधिनियम, 2020 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। जिसके तहत अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों को सख्त सजा दी जा सकेगी। यह अब गैर-जमानती अपराध बन गया है।

महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाले इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को आई चोट और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। अध्यादेश में मुताबिक, 30 दिन में जांच पूरी होगी। एक साल में फैसला आएगा।

बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी थी इस अध्यादेश को मंजूरी

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इससे पहले बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। जिसमें स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाया गया है।

आज केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों के घायल होने, सम्पत्ति को नुकसान होने पर मुआवजे का भी प्रावधान किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश के माध्यम से महामारी अधिनियम 1897 में संशोधन किया जाएगा। इससे स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मियों की सुरक्षा और उनके रहने व काम करने की जगह को हिंसा से बचाने में मदद मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की उद्घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी।' अध्यादेश के अनुसार ऐसा हिंसक कृत्य करने या उसमें सहयोग करने पर तीन महीने से पांच साल तक कैद और 50 हजार से लेकर दो लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट/जख्म पहुंचाने पर दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक कैद की सजा होगी और एक लाख से लेकर पांच लाख रूपये तक उस पर जुर्माना लगेगा।

इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी

बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्यकर्मी दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं। उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक अध्यादेश लाया गया है, इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।

जानिए नए अध्यादेश में क्या है खास

-    अब कोरोना वॉरियर्स पर हमला गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा।

-    इस पूरे मामले की 30 दिनों में जांच पूरी होगी और एक साल में फैसला आएगा।

-    हमले के मामले में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।

-    घटना की गंभीरता के आधार पर 50, 000 से 2 लाख तक का जुर्माना लगेगा।

-    गंभीर मामले में 6 महीने से 7 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है।

-    गंभीर मामले में 1 लाख से 7 लाख तक जुर्माने का प्रावधान होगा।

 

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TAGS: President Kovind, approved, promulgate The Epidemic Diseases (Amendment) Ordinance, 2020
OUTLOOK 23 April, 2020
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