पार्क स्ट्रीट बलात्कार कांड का मुख्य आरोपी चार साल बाद गाजियाबाद से गिरफ्तार
दो बच्चों की मां से पांच व्यक्तियों ने पांच फरवरी 2012 को पार्क स्ट्रीट के एक नाइट क्लब के पास सामूहिक बलात्कार किया था। उन्होंने पीड़िता को पार्क स्ट्रीट इलाके के एक नाइट क्लब से घर छोड़ने की पेशकश की थी। चलती कार में उस महिला के साथ बलात्कार किया गया था और उसे गाड़ी से फेंककर आरोपी भाग गए थे।
बलात्कार कांड के बाद कादेर और अली फरार थे। दोनों के फोन काल्स पर नजर रखी जा रही थी। कादेर मुंबई, दुबई और नेपाल होते हुए दिल्ली आ गया था और गाजियाबाद में फ्लैट लेकर रहने लगा था। उसने अपना नाम बदल लिया था। कुछ दिनों पहले कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग को उसके दिल्ली में होने का पता चला।
गाजियाबाद में ही एक जन्मदिन पार्टी में वह शामिल होने गया था। लौटने पर उसके फ्लैट के इर्द-गिर्द घेरा डाले पुलिस ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में उससे जानने की कोशिश की जाएगी कि उसे भागने में और छुपाने में किसने मदद की थी। कोलकाता पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, हमारे पास जानकारी थी कि खान देश लौट आया है और कोलकाता में अपने परिवार से फोन पर लगातार बातचीत कर रहा है। हमने उनके नंबरों पर नजर रखनी शुरू की तो पाया कि कॉल्स गाजियाबाद से एक खास नंबर से की जा रही थीं। हमने इस पर नजर रखनी शुरू की तो यह कादेर का नंबर निकला। यह पता चला था कि कादेर बांग्लादेश में छुपा हुआ था और पैसे खत्म होने के बाद वह नेपाल के रास्ते दिल्ली लौट आया।
इस कांड में पीड़िता ने घटना के कुछ दिन बाद जब शिकायत दर्ज कराई थी तो बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे मनगढंत मामला बताया था। इससे काफी विवाद हुआ था। तब ममता बनर्जी कैबिनेट के एक मंत्री मदन मित्र तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तिदार ने पीड़िता के चरित्र पर उंगली उठाई थी और मामले को मनगढ़ंत बताया था। कोलकाता पुलिस की तत्कालीन संयुक्त आयुक्त (अपराध) दमयंती सेन ने मामले की जांच की थी और पांच आरोपियों की पहचान की। बाद में उन्हें उनके पद से हटा दिया गया था। घटना के पांच में से तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि कादेर खान सहित दो फरार थे।
पार्क स्ट्रीट बलात्कार कांड की पीड़िता की एक साल पहले दिमागी बुखार से मौत हो गई। कुछ अरसा पहले इसके तीन अभियुक्तों को दोषी पाकर सजा सुना दी गई। नासेर खान, रुमान खान और सुमित बजाज को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।