प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा के निधन पर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका जाना उनके परिवार के साथ ही झारखंड के जनजातीय समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
मंगल मुंडा की शुक्रवार को हृदय गति रुकने से मौत हो गई। वह एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। राज्य के शीर्ष अस्पताल राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में उनका इलाज हो रहा था। मुंडा 45 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भगवान बिरसा मुंडा जी के वंशज मंगल मुंडा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना उनके परिवार के साथ ही झारखंड के जनजातीय समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों को संबल प्रदान करे।’’
बता दें कि झारखंड के खूंटी जिले में 25 नवंबर को एक यात्री वाहन की छत से गिरने के कारण मुंडा के सिर में गंभीर चोट आई थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और झारखंड के मुख्यमंत्री का कार्यालय मंगल मुंडा के इलाज के सिलसिले में रिम्स के अधिकारियों के संपर्क में था। उधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी एवं विधायक कल्पना सोरेन के साथ बुधवार को रिम्स गये थे और मंगल मुंडा के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
रिम्स के चिकित्सकों के अनुसार, मंगल मुंडा के दिमाग में गंभीर चोट आई थी और मस्तिष्क के दोनों तरफ खून के थक्के जम गए थे। मंगलवार को रिम्स के ‘न्यूरोसर्जरी विभाग' के विभागाध्यक्ष डॉ आनंद प्रकाश के नेतृत्व में उनकी सर्जरी हुई थी। वर्तमान झारखंड में 1875 में जन्मे बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ आदिवासियों को संगठित करने का श्रेय दिया जाता है। ब्रिटिश हिरासत में 25 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। झारखंड का निर्माण 15 नवंबर को हुआ था। 15 नवंबर को आदिवासी प्रतीक ‘धरती आबा' (धरती के पिता) की जयंती मनाई जाती है।