'परीक्षा पे चर्चा 2.0' में बोले पीएम मोदी, मां-बाप बच्चों की तुलना न कर उन्हें प्रोत्साहित करें
हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा से पहले छात्रों को तनाव मुक्त करने के लिए संवाद किया। तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि वे कुछ पल बच्चों की तरह जीना चाहते हैं। इस कार्यक्रम में छात्रों के अलावा कुछ अभिभावक और शिक्षक भी शामिल हुए।
'परीक्षा पे चर्चा 2.0' नाम पर आयोजित इस कार्यक्रक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं मां-बाप से कहना चाहता हूं। वे मां-बाप विफल हैं जो अपने सपनों को बच्चों पर थोपकर पूरा करवाना चाहते हैं। ऐसा न हो कि मां बाप को इसके लिए ट्रेनिंग की जरूरत हो।' उन्होंने कहा कि मां-बाप अपने बच्चों की तुलना करने की बजाए उन्हें प्रोत्साहित करें।
‘परीक्षा के महत्व से इंकार नहीं कर सकते’
चर्चा के दौरान छात्रों और अभिभावकों ने मोदी से सवाल भी पूछे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'परीक्षा का महत्व तो है, इससे इनकार नहीं कर सकते। न ही यह कह सकते हैं कि अरे मत पढ़ो यार, जो होगा देखा जाएगा। लेकिन यह देखना होगा कि यह परीक्षा जिंदगी की परीक्षा है या क्लास की। अगर हम यह देख लेंगे तो हमारा फोकस बढ़ जाएगा। ऐसा कुछ नहीं है कि 10वीं में गया तो कुछ नहीं होगा। परीक्षा के गलियारे तक ही जिंदगी नहीं होती। उसके आगे भी जिंदगी होती है।'
‘कुछ एग्जाम में दिक्कत हो जाए तो सब खराब नहीं होता’
प्रधानमंत्री ने कहा, 'बहुत पहले मैंने कविता पढ़ी थी। उसमें एक बात थी। कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता। यानी कुछ एग्जाम में दिक्कत हो जाए तो सब खराब नहीं होता। लेकिन जीवन में कुछ कसौटी होती हैं। यह हमें ऊर्जा से भरती हैं। अगर हम अपने आप को कसौटी के तराजू पर झोकेंगे नहीं, तो जिंदगी ठहर जाएगी। जबकि जिंदगी का मतलब होता है तेजी, गति बिना उस जिंदगी का क्या मतलब?'
‘बच्चों को हमेशा उसी रूप में देखना चाहिए जैसा बचपन में देखते हैं’
मोदी ने कहा, 'मां बाप को बच्चों को हमेशा उसी रूप में देखना चाहिए जैसा बचपन में देखते हैं। उसको नीचे गिरता देख, उसे डांटने से कोई परिवर्तन नहीं आएगा। जहां तक अपेक्षाओं का सवाल है तो वो जरूरी हैं। अपेक्षाओं से हमें भी कुछ ज्यादा करने की इच्छा जगती है।' उन्होंने कहा,'अभिभावकों के लिए मेरा यही आग्रह होगा कि आपके सपने भी होने चाहिए अपेक्षाएं भी होनी चाहिए। लेकिन प्रेशर से स्थिति बिगड़ जाती है। प्रेशर से रिएक्शन आता है। ऐसा न हो इसका ध्यान रखना चाहिए।'
‘अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड अपना विजिटिंग कार्ड बनाकर ले जाते हैं’
पीएम मोदी ने कहा, 'मां बाप ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे कभी-कभी अपने यार-दोस्तों या फैमिली फंक्शन में जाते हैं तो अपने बच्चों का रिपोर्ट कार्ड अपना विजिटिंग कार्ड बनाकर ले जाते हैं। यह समस्या की सबसे बड़ी जड़ है। इसकी वजह से आपकी सफलता या विफलता उनकी सोशल लाइफ पर असर डालती है।'
उन्होंने कहा, 'जब छोटा बच्चा होता है, तो मां बाप उसकी गलतियों का जिक्र मेहमानों से काफी अच्छे से करते हैं। क्योंकि उसकी एक्टिविटी वो नोट करते हैं। लेकिन 7-8 साल की उम्र के बाद हम उसकी एक्टिविटी पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। जब वो 3-6 महीने का था तब से लेकर वह जब तक वयस्क नहीं हो जाता तब तक माता-पिता को उसको देखना चाहिए।'
'मां कभी नहीं थकती'
मोदी ने कहा, 'आप कभी सोचते हैं कि मां भी कभी थकती होगी। उसका भी मन करता है कि चलो आज सो जाएं। लेकिन जैसे ही बच्चे का स्कूल से घर आने का समय होता है तो वह दरवाजे पर मुस्कुराते हुए खड़ी रहती है। क्या हम पूछते हैं कि मां दिनभर काम करने की ऊर्जा कैसे आती है? मां कहती है कि घर का काम करने में कैसी थकावट। मैं नहीं करूंगी तो कौन करेगा। मैं भी ऐसा ही सोचता हूं। दिनभर काम करने के बाद जब बिस्तर पर जाता हूं तो दूसरे दिन नया करने का सोचता हूं।'
पिछले साल भी पीएम मोदी ने छात्रों से किया था संवाद
यह चर्चा ‘परीक्षा पे चर्चा 2.0’ है। पिछली बार भी मोदी ने छात्रों के साथ संवाद किया था। यह उसी का विस्तार है। इसमें देश-विदेश के दो हजार छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले छात्र 9वीं से 12वीं कक्षा के हैं। कुछ छात्र कॉलेजों के भी हैं।
सभी सरकारी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम के सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम का उद्देश्य बोर्ड की परीक्षाओं से पहले छात्रों को तनाव मुक्त करना और उनकी सही मार्गदर्शन करना है।
एक लाख से ज्यादा छात्र, अभिभावक और शिक्षकों का हुआ था टेस्ट
छात्रों का चयन सात से 17 जनवरी के बीच आयोजित ऑनलाइन परीक्षा के आधार पर किया गया। 1,02,173 छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने माईजीओवी डॉट इन पर यह परीक्षा दी थी। इसमें उन्हें तीन थीम- ‘आकर्षक कैप्शन प्रतियोगिता’, ‘मैं प्रेरित हूँ प्रतियोगिता’ और ‘स्नातक तथा निचली कक्षाओं के लिए सफलता का मेरा मंत्र’ दिए गए थे।
विदेशी छात्र भी कार्यक्रम का हिस्सा
शिक्षकों के लिए ‘शिक्षकों की सोच’ और अभिभावकों के लिए ‘मेरे परीक्षा नायक से सीखना’ थीम रखा गया था। विदेशी छात्रों में रूस, नाइजीरिया, ईरान, नेपाल, दोहा, कुवैत, सऊदी अरब और सिंगापुर के छात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। इस साल 10 मिनट का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ।
ऐसे हो सकते थे कार्यक्रम में शामिल
हालांकि अभी तक कई छात्र आवेदन कर चुके हैं। अगर अब भी आप इसमें प्रतिभागी बनकर हिस्सा लेने चाहते हैं तो mygov.in पर जाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता में केवल कक्षा 9 से 12 वीं तक के छात्र, स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्र, उनके माता-पिता और शिक्षक हिस्सा ले सकते हैं। ‘परीक्षा पे चर्चा 2.0’ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए mygov.in वेबसाइट पर 'लॉग इन एंड पार्टिसिपेट' पर क्लिक करें और मांगी गई जानकारी भरकर अप्लाई कर दें।
साथ ही स्टूडेंट्स रोचक कैप्शन प्रतियोगिता, आई एम इंस्पार्यड प्रतियोगिता, मेरी सफलता का मंत्र आदि के माध्यम से अपने सुझाव देकर सकते हैं और अपनी क्रिएटिविटी भी दिखा सकते हैं। यह प्रतियोगिता केवल भारतीय नागरिकों के लिए है और किसी व्यक्ति को प्रतियोगिता में केवल एक बार भाग लेने की अनुमति है। प्रतियोगिता में भागीदारी के लिए कोई मौद्रिक पुरस्कार नहीं है।