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18 August 2023

कृषि और पशुपालन में परंपरागत तरीकों को साथ लेकर चलने से ही गांवों की समृद्धि- केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला

नई दिल्ली। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा है कि कृषि और पशुपालन में आधुनिक और परंपरागत तरीकों को साथ लेकर चलने की जरूरत है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को ज्यादा से ज्यादा समृद्ध किया जा सके।

केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को दिल्ली के होटल ली मेरिडियन में आयोजित सीएलएफएमए ऑफ इंडिया (क्लेफमा) के 64वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संस्था के प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि इस तरह के मंथन में ऐसी बातें निकलनी चाहिए, जो सरकार को पॉलिसी बनाने में मदद करें। केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री पशुपालकों के हित पर लगातार काम कर रहे हैं। यही वजह है कि मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी को अलग मंत्रालय का दर्जा दिया है और इस वजह से इसमें बदलाव दिख रहा है।

उन्‍होंने सीएलएफएमए से अनुरोध किया वे पराली की समस्‍या से निजात दिलाने और इसे पशु चारे के रूप में इस्तेमाल करने की संभावनाएं तलाशें, जिससे पराली की समस्‍या का समाधान हो सके और पशुओं के लिए सस्‍ता चारा भी उपलब्‍ध हो सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जैविक खाद की बजाय रासायनिक खादों के उपयोग से जमीनें बंजर हो रही हैं। इसलिए हमें ऐसे प्रयोगों से बचना होगा।

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इससे पहले मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान लाइवस्‍टाक सर्वे रिपोर्ट 2023 का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम के संयोजक और सीएलएफएमए ऑफ इंडिया के डिप्टी चेयरमैन दिव्य कुमार गुलाटी ने अतिथियों का स्वागत किया और सीएलएफएमए के चेयरमैन सुरेश देवड़ा ने योजनाओं के बारे में जानकारी दी।

इस मौके पर सीएलएफएमए ने गोदरेज इंडस्‍ट्री के चेयरमैन और एमडी नादिर बी गोदरेज और सेवानिवृत्‍त आईएएस अधिकारी तरुन श्रीधर को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड से सम्‍मानित किया। समारोह में सीएलएफएमए के सेक्रेटरी अभय साहा और नार्थ जोन के चेयरमैन अनूप कालरा के अलावा देश विदेश से करीब 500 एक्सपर्ट्स शामिल हुए।

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OUTLOOK 18 August, 2023
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