रॉ के पूर्व प्रमुख ने कहा- सुरक्षा में चूक के बिना नहीं हो सकती पुलवामा जैसी आतंकी घटना
पुलवामा हमले पर पूर्व रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) प्रमुख विक्रम सूद ने कहा, 'इस तरह की आतंकी घटना बिना सुरक्षा चूक के नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम की कमी कहां हुई लेकिन इसके पीछे चूक भी एक वजह है।'
एक कार्यक्रम में विक्रम सूद ने कहा, 'इस घटना में इतना साफ है कि इसमें एक से अधिक लोग शामिल थे। कोई होगा जो विस्फोटकों को लाया होगा, किसी ने इसे एक साथ रखा होगा, कोई कार लाया होगा। उन्हें सीआरपीएफ के काफिले के गतिविधियों के बारे में जानकारी होगी।'
'आतंकियों का एक ग्रुप जरूर होगा'
विक्रम सूद ने कहा, 'आतंकियों को जगह के बारे में जानकारी होगी कि सुरक्षाबल कहां जा रहे हैं। इस घटना को अंजाम देने वालों का अवश्य एक ग्रुप होगा और जिस व्यक्ति ने बम से खुद को उड़ाया, उसे चुना गया था और यह करने के लिए प्रेरित किया गया था। यह बताना बहुत जल्दी होगा कि यह गलत हुआ या वह गलत हुआ।'
आगे की संभावित कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा, 'यह बॉक्सिंग मैच नहीं है। आप प्रधानमंत्री की तरह प्रतिक्रिया देखें जैसा उन्होंने कहा कि सुरक्षाबल अपनी सुविधा के हिसाब से, अपने समय और स्थान को चुनकर कार्रवाई करें। यह आज और कल में नहीं होता है।'
'कश्मीर पर भारतीय दृष्टिकोण होना चाहिए'
कश्मीर मुद्दे को लेकर उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, हम जो भी करते हैं उस पर हमें एकरूप होना होगा। दूसरा, यह एक भारतीय दृष्टिकोण होना चाहिए न कि किसी पार्टी का।'
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने कहा था कि सुरक्षा बल विस्फोटकों से भरी गाड़ी की पहचान और उसकी गतिविधियों का पता लगाने में विफल रहे।उन्होंने कहा था कि हमें यह बात स्वीकार करनी होगी कि हमसे भी गलती हुई है।
14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। ये हमला तब हुआ जब सीआरपीएफ के 2500 जवानों का काफिला श्रीनगर जा रहा था। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। ।
गृहमंत्री ने की रॉ प्रमुख के साथ बैठक
शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकी हमले को लेकर रॉ प्रमुख ए के धस्माना, आईबी के अतिरिक्त निदेशक अरविंद कुमार, गृह सचिव राजीव गौबा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ बैठक की थी। गृहमंत्री ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) द्वारा कश्मीर में किए गए हमले के बाद की सुरक्षा की स्थिति का जायजा लिया।